दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहे वाटर लेवल के कारण अब राप्ती गांवों में एंटर करने के साथ बंधों के लिए खतरनाक हो रही है.
Increasing water level of Rapti haunts Gorakhpurites
राप्ती इस वक्त डेंजर लेवल से 13 सेमी ऊपर बह रही है. ट्यूज्डे को भी राप्ती का वाटर लेवल इनक्रीज करने की उम्मीद है. सोर्सेज के मुताबिक ट्यूज्डे को राप्ती का वाटर लेवल करीब 75.40 मीटर पहुंच सकता है.
गोरखपुर के करीब 227 गांव में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. ये सभी गांव नदी के तट या बंधे के किनारे बसे हैं. हालांकि सबसे अधिक खतरा 80 गांव पर मंडरा रहा है.
पहाड़ों में हुई बारिश का खतरा अब गोरखपुर में दिख रहा है. लगातार बढ़ रहे वाटर लेवल के चलते राप्ती मंडे को खतरे के लाल निशान को पार कर गई.
गोरखपुर में अब तक सबसे खतरनाक बाढ़ 1998 में आई थी. तब गोरखपुर के ग्रामीण ही नहीं, बल्कि अधिकांश शहरी इलाकों में भी राप्ती का पानी दाखिल हो गया था.
राप्ती के बढ़ते वाटर लेवल को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है. बंधों और तटीय इलाकों की कमियों का जहां विभागीय अफसर जायजा ले रहे है, वहीं संबंधित अधिकारी पल-पल की खबर के लिए मौके पर डटे हैं.
सेंट्रल वाटर कमीशन के मुताबिक ट्यूजडे का राप्ती का वाटर लेवल इनक्रीज करेगा. इससे अभी बाढ़ का खतरा कम नहीं हुआ है.
राप्ती में वाटर लेवल बढऩे की स्पीड कम हुई है मगर पानी लगातार बढ़ रहा है. हालांकि अभी तक गांवों के अंदर पानी दाखिल नहीं हुआ है. मगर कई बंधों पर प्रॉब्लम हो रही है.
कलेक्ट्रेट में बने कंट्रोल रूम से सभी तटीय एरिया पर निगाह रखी जा रही है. विभिन्न एरिया में विभागीय अधिकारियों की टीम जायजा लेने के बाद रिपोर्ट कंट्रोल रूम को दे रहे हैं.
सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने तीन सेक्शन पीएसी गोरखपुर में तैनात की है. डेढ़ सेक्शन पीएसी राजघाट और डेढ़ सेक्शन पीएसी देवरिया बार्डर के पटना घाट पर तैनात की गई है.