इन आदिवासियों को बेहद खूंखार माना जाता है। ये अपने घरों को लेकर काफी सतर्क रहते हैं। सुरक्षा की नजर ये दिन रात चौकसी करते रहते हैं।
हत्या जिनका श्रृंगार : जहां पैसा नहीं दुश्मन का सिर है मूल्यवान
पड़ोसी गावों के लोग इनके अपने इलाके में नहीं दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा जंगली जानवरों की भी इनके इलाके में हिम्मत नहीं होती है।
यहां पर ये कबीले जिनती हत्याएं करते हैं उतने ही टैटू आदि अपने शरीर पर बनवाते है। कबीले इन टैटूज को अपनी शान का प्रतीक मानते हैं।
यहां पर ये कबीले हत्या के बाद दुश्मन के सिर को अपने श्रंगार में शामिल करते हैं। जितनी हत्याए उतने ही सिर के अंश ये अपने गले में पहनते हैं।
इसके अलावा दुश्मनों की हडि्डयों से औजार आदि भी बनाते हैं। घरों में दिन में भी अंधेरा पूरी तरह से छाया रहता है।image source mail online
इन कबीलों के घरों के अंदर व बाहर भी बड़े बड़े जानवरों के सिर, उनकी हड्डियां उनकी खाल आदि लटकी मिलती है।
इन कबीलों को लेकर कहा जाता है कि जिसके पास हडि्डयों आदि का जितना ज्यादा खजाना होता है वह उतना ही बलवान होता है।
हत्याओं के बाद सिर व खाल आदि से टैटू व श्रंगार का सामान बनाने के लिए यहां पर कुछ किसान फैमिली बिजनेस करती है।
कबीलों के दुश्मन में जानवरों की संख्या अधिक है। सबसे खास बात तो यह है कि ये अपने शरीर पर टैटू बनवाते समय जश्न मनाते हैं।
कहा जाता है कि इससे इनकी मजबूती और वर्चस्व का प्रतीक माना जाता है। बेटी बेटियों के विवाह में इन टैटू का बड़ा महत्व होता है।