संथारा सल्लेखना आत्महत्या नहीं है, बल्कि संयम से ये मोक्ष का रास्ता है.
आत्महत्या नहीं संथारा
पिछले दिनों एक जनहित याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि संथारा सल्लेखना आत्महत्या है.
उन्होंने कोर्ट के फैसले पर अपनी आपत्ति जाहिर की. इस दौरान राजकुमार राजू जैन, सुनील जैन, अशोक जैन, जितेन्द्र जैन, पार्षद क्षमा जैन, अनंत जैन, संजय जैन एनके, अशीष जैन, पंकज गर्ग, स्वरूप चन्द जैन, भोलानाथ जैन सिंघई, नवीन जैन पूर्व डिप्टी मेयर, सुमेर जैन समेत सैंकड़ों की संख्या में सकल जैन समाज के लोग शामिल रहे.
चौहान को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान सकल जैन समाज के श्वेताम्बर व दिगम्बर जैन समाज के महिला-पुरुष शामिल रहे.
जैन मुनियों ने भी संथारा के बारे में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने संथारा प्रथा के बारे में लोगों को विस्तार में समझाया और इसे आत्महत्या के बजाय योग की एक महान क्रिया बताया.
इसके विरोध में सकल जैन समाज ने विरोधस्वरूप छीपीटोला का बाजार बंद कर पैदल मार्च कर कलेक्ट्रेट पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस.