शाम को कैलाश खेर घाट पर पहुंचे. उनके साथ बीएचयू के टीचर्स और बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स थे. कैलाश सभी के साथ भदैनी घाट पहुंचे. यहां झाड़ू लगाकर सफाई की.
कैलाश ने बढ़ाया हाथ, किया घाट साफ
घाट पर जमा मिïट्टी को फावड़े से काटकर हटाया. उन्हें सफाई करते देख घाट पर सैर कर रहे सैलानी भी सफाई करने में जुट गए. लगभग आधे घंटे तक सफाई के बाद कैलाश ने फूल-माला से गंगा का पूजन किया. उन्होंने घाटों के साथ गंगा की सफाई में अपने सहयोग का संकल्प लिया. कैलाश ने घाट पर मौजूद लोगों से अपील की कि वह घाट को साफ रखने में अपना योगदान दें.
कैलाश ने भदैनी घाट को गोद लेने की घोषणा की. इसके बाद रानी लक्ष्मी बाई जन्मस्थली पहुंचकर अखण्ड दीप प्रज्वलित किया.
बनारस में सफाई अभियान के दौरान कैलाश खेर ने अभियान को आगे बढ़ाने के लिए अपने नवरत्नों की घोषणा की. समाचार पत्र दैनिक जागरण के प्रधान संपादक संजय गुप्ता, पं. मदनमोहन मालवीय के पौत्र पूर्व जस्टिस गिरधर मालवीय, मेजर ध्यानचंद के पौत्र हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद, फिल्मों से ताल्लुक रखने वाले फिल्म निर्देशक विशाल, उनकी पत्नी पाश्र्व गायिका रेखा भारद्वाज, ज्योतिषाचार्य और बीएचयू में प्रोफेसर चंद्रमौली उपाध्याय, पंत नगर यूनिवर्सिटी के प्रो. शिवेन्द्र कश्यप, फिल्म एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दिकी, टीवी होस्ट, रेडियो जॉकी, एक्टर रोशन अब्बास, लेखक, गीतकार निलेश मिश्र नवरत्नों में शामिल हैं. इस दौरान फेमस सिंगर ने स्वच्छ भारत ऐंथम भी लोगों को सुनाया.
'खइके पान बनारस वाला मामला पुराना हो चुका है. अब तो इसको बदलो. पान खाओगे तो फिर गंदगी करोगे. आपके माउथ पेंटिंग का असर काफी दिनों तक नजर आएगा. कोशिश करो कि पान खाओ ही मत. अगर खाते हो तो इधर-उधर थूको मत.Ó सोमवार को नदेसर स्थित दैनिक जागरण ऑफिस पहुंचे फेमस सिंगर कैलाश खेर ने स्वच्छता का संदेश कुछ इसी अंदाज में दिया.
उन्होंने कहा कि खइके पान बनारस वाला काफी फेमस है. लेकिन यह इण्डस वैली के जमाने की बात हो चुकी. अब हमें काशी को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर रखना होगा. एजूकेशन को प्रमोट करना होगा. उन्होंने कहा कि दुनिया की नजर इस वक्त इंडिया और बनारस पर है. हमारे देश में सबकुछ है. यह सभी मायनों में सुदृढ़ है. जो कुछ नहीं है तो वह है सफाई. इसकी वजह हम खुद हैं. जब गंदगी हम करते हैं तो सफाई भी हमें ही करनी चाहिए. इसकी जिम्मेदारी किसी और को क्यों दी जाए.
उन्होंने कहा कि हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत अध्यात्मिक शक्ति है. बनारस तो खुद बाबा भोले की नगरी हैं. यहां के लोग तो जबरदस्त ऊर्जावान हैं. वह इस शहर को साफ करने की ठान लेंगे तो करके ही मानेंगे. उन्हें देखकर पूरे देश को इंस्पिरेशन मिलेगी.