मां दरवाजा तकती रही और बच्चे स्कूल से सीधे जन्नत चले गए. सिर्फ इतना भर सोच लेने से दिल में उठा दर्द हर उस शख्स ने भी महसूस किया जो अब तक पाकिस्तान में आतंकियों के हमले पर खुश हुआ करता था. जो ये कमेंट करने से बाज नहीं आता था कि चलो अच्छा हुआ, पाकिस्तानियों को भी तो पता चला कि आतंकी हमले का दर्द क्या होता है. लेकिन पेशावर में स्कूली बच्चों के कत्लेआम पर हर कोई मानो दिल से दु:खी था. यही वजह थी कि बुधवार को मानो पूरा बनारस आतंकियों को कोसने और मासूम बच्चों को श्रद्धांजलि के लिए सड़क पर उतर आया.
पेशावर के गम में आंखें हुई नम...
वाराणसी स्कूल एसोसिएशन की ओर से पेशावर कांड के मृतकों को ऐसे ही श्रद्धांजलि दी गयी.
सन्यासियों ने रवीन्द्रपुरी स्थित पीएम के संसदीय कार्यालय के सामने आतंकवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए.
बीएचयू स्थित मालवीय शांति अनुसंधान केन्द्र में शोक सभा हुई. केन्द्र में अध्ययनरत स्टूडेंट्स दो मिनट का मौन रखा.
भगवान से प्रार्थना किया कि दुनिया में ऐसी घटना दोबारा न हो.
पेशावर आर्मी स्कूल में कत्लेआम पर सनबीम स्कूल के सभी ब्रांच में स्टूडेंट्स ने मौन रखकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी.
स्वामी हरसेवानन्द स्कूल में प्रार्थना सभा में स्टूडेंट्स ने मौन रखा. भेलखा (शिवपुर) स्थित एसएएमएस इंस्टीट्यूशन के होटल मैनेजमेंट और पॉलिटेक्निक के छात्रों ने दो मिनट का मौन रखा.
कैंटोनमेंट स्थित आर्मी स्कूल, अर्दली बाजार स्थित कस्तूरबा बालिका इंटर कॉलेज जैसे तमाम स्कूलों में भी मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि दी.
सनबीम एकेडमी के सभी ब्रांच में स्टूडेंट्स ने दो मिनट का मौन रखा. शोक संतप्त परिवार को हिम्मत प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की.
लोक चेतना कार्यकर्ताओं के तेलियाबाग कार्यालय में श्रद्धांजलि सभा हुई. केन्द्रीय देव दीपावली महासमिति की ओर से सूरज कुण्ड पर श्रमदान के बाद शोकसभा हुई. साझा संस्कृति मंच की ओर से शास्त्री घाट पर वरुणापुल पर शांति सभा हुई.
समाजवादी युवजन सभा की ओर से बेनियाबाग के राजनारायण पार्क में मृतकों के श्रद्धांजलि दी गयी.
विशाल भारत संस्थान की ओर से हुकुलगंज में 30 पारा कुरआन का पाठ किया गया. वंदे मातरम संघर्ष समिति की और प्रणाम संस्था की ओर से दशाश्वमेध घाट पर दीपदान किया गया.