उत्तरप्रदेश के बरेली में होली के मौके पर 155 साल पुरानी परंपरा के तहत शिवबारात निकाली जाती है जिसमें सभी धर्मों के स्थानीय नागरिक बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं.
तस्वीरों में देखें: भारत की अजब-गजब होली, कहीं कीचड़ स्नान तो कहीं पड़ती हैं लाठियां
गुजरात के दहोड एवं नर्मदा जिले की जनजातियों में होलिका दहन के अंगारों पर चलकर अपने मन की मुराद मांगने की परंपरा है.
उत्तरप्रदेश एवं बिहार के कई हिस्सों में कीचड़ से होली खेले जाने की परंपरा है. इसके तहत लड़कों के झुंड एक-दूसरे पर जमकर कीचड़ फेंकते हैं. कस्बों और गांवों में सड़क के किनारे बनी नालियों को होली से पहले चौड़ा कर दिया जाता है जिससे होली पर लोगों को कीचड़ से सराबोर किया जा सके.
वरकला में होली के मौके पर होलिका की एक विशालकाय मूर्ति बनाई जाती है जिसे पूजा के दौरान दहन किया जाता है.
बरसाने में होली के रंग में सराबोर होने के बाद भक्तिमय श्रद्धालू
उत्तरप्रदेश के बरसाना में लठमार होली खेले जाने की परंपरा है जिसमें युवतियां पुरुषों को लठ मारती हैं और पुरुष एक ढाल से अपना बचाव करते हैं.
राजस्थान के बेवर में होली पर बादशाह की सवारी निकाली जाती है जिसमें स्थानीय नागरिक बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं.
भुवनेश्वर में सालों पुरानी परंपरा के तहत होली पर बच्चों को सजाया जाता है.
पंजाब में होली के जश्न में शरीक होते सिख-समुदाय के लोग
होली पर होलिका दहन के चारों ओर परिक्रमा लगाते मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य