इंडिया के फर्स्ट प्राइम मिनिस्टर पं. जवाहरलाल नेहरू ने सबसे पहले 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया.
इंडियन प्राइम मिनिस्टर जिन्होंने फहराया लाल किले पर तिरंगा
लाल बहादुर शास्त्री इंडिया के दूसरे प्राइम मिनिस्टर थे. 1965 की वार में उन्हीं के नेतृत्व में इंडिया ने पाकिस्तान पर जीत हासिल की थी और उन्होंने ही जय जवान जय किसान का नारा दिया था.
इंडिया के फर्स्ट प्राइम मिनिस्टर पं. जवाहर लाल नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं. उनके नेतृत्व में देश ने 1971 की वार में पाकिस्तान को हराया और एक नए देश बांग्लादेश का दुनिया के नक्शे पर उदय हुआ.
इमरजेंसी के बाद हुए चुनावों में जनता पार्टी की सरकार बनी और मोरारजी देसाई देश के पहले गैर कांग्रेसी प्राइम मिनिस्टर बने.
मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस के समर्थन से चौधरी चरण सिंह प्राइम मिनिस्टर बने थे.
राजीव गांधी ने 1984 में तत्कालीन प्राइम मिनिस्टर इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. इसके बाद हुए आम चुनावों में उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने भारी जीत हासिल की थी.
विश्वनाथ प्रताप सिंह 1989 में प्राइम मिनिस्टर बने. उन्होंने नेशनल फ्रंट की मिली जुली सरकार का नेतृत्व किया और उन्हीं के कार्यकाल में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू हुईं.
पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में 1991 में कांग्रेस की अल्पमत की सरकार बनी. उनकी सरकार के दौरान ही देश में आर्थिक सुधारों की शुरुआत हुई.
एचडी देवगौड़ा ने 1996 में देश के प्राइम मिनिस्टर का पद संभाला. वह युनाइटेड फ्रंट की मिली जुली सरकार के मुखिया थे.
इंद्र कुमार गुज़राल ने एचडी देवेगौड़ा सरकार के पतन के बाद देश के प्राइम मिनिस्टर का पद संभाला.
अटल बिहारी वाजपेयी ने तीन बार देश के प्राइम मिनिस्टर का पद संभाला. उनके नेतृत्व में बनी एनडीए की सरकार के दौरान ही इंडिया ने दूसरी बार परमाणु परीक्षण किया व कारगिल की लड़ाई जीती.
एक्स प्राइम मिनिस्टर पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में बतौर फाइनेंस मिनिस्टर आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने वाले मनमोहन सिंह 2004 में यूपीए सरकार के प्रमुख के तौर पर प्राइम मिनिस्टर बने. उन्होंने दस साल तक यह पद संभाला.