गुरु वंदना के महापर्व गुरु पूर्णिमा पर शनिवार को शिष्यों ने अपने गुरुजनों के चरणों में शीश नवाकर श्रद्धा समर्पित की.
गुरु दर्शन की आस भई पूरी...
भगवान के साक्षात रूप गुरु के दर्शन लाभ के लिए शहर के विभिन्न गुरु स्थलों पर शिष्यों की भारी भीड़ उमड़ी.
देश-विदेश से आये शिष्यों ने इस खास पर्व पर अपने गुरु के पैर पखारे और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.
पीठाधीश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम ने औघड़ अघोरेश्वर की समाधियों का पूजन किया. इसके बाद शिष्यों ने पीठाधीश्वर बाबा सिद्धार्थ गौतम राम के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.
कुछ लोगों ने अपने घरों में अपने माता-पिता के चरणों में ही शीश नवाया और शिष्य के रूप में उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया.
सुबह होते ही शिष्यों ने स्नान किया और बिना अन्न, जल ग्रहण किये गुरु के चरणों में शीश नवाकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. गुरु दर्शन का सिलसिला भोर से जो शुरू हुआ वो रात तक चलता रहा.
शिष्यों ने गुरुपद संभव राम के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.
पड़ाव स्थित अघोरपीठ सर्वेश्वरी समूह आश्रम में गुरुभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी. शिष्यों ने गुरुपद संभव राम के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. रविन्द्रपुरी स्थित अघोरपीठ बाबा कीनाराम स्थल पर सुबह आरती के पश्चात श्रमदान व प्रभातफेरी का आयोजन हुआ.
मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम के पीठाधीश्वर संतोषदास जी ने अपने गुरुदेव यमुनाचार्य जी व आश्रम के प्रथम आचार्य बाबा रणछोड़ दास जी के चरणपादुका का विधिवत पूजन-अर्चन किया.
श्री विद्यामठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के सानिध्य में शिष्यों ने अपने गुरु जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के चित्र की विधिवत पूजा-अर्चना की.