भगवान श्रीराम और सीता स्वरूप जैसे ही जनक महल पर पहुंचे जयश्रीराम के उद्घोष से जनकपुरी गूंज उठी. हजारों भक्त उनके दर्शन के लिए उमड़ पड़े. 21 तोपों से एक साथ पुष्प वर्षा की गई तो लगा जैसे देवलोक से देवता भी विवाह के साक्षी बनने को आतुर हैं.
जय श्रीराम से गूंजा जनकपुर
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने प्रभु श्रीराम और स्वरूपों की आरती की.
बैंडबाजों से गूंजी मिथिलानगरीजनकपुरी महोत्सव में रविवार को भगवान राम और मां सीता के प्रतीक तुलसी और सालिग्राम के पाणिग्रहण संस्कार के बाद भगवान राम और सीता ने अक्षरधाम मंदिर के रूप में बने जनक महल सेक्टर 12डी में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए. दर्शनों से पूर्व राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के साथ जनक दुलारी सीता, राजा दशरथ, माता कौशल्या, गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र ग्वाल पैलेस पर बने जनवासे से जनकपुरी भ्रमण को निकले.
जय श्रीराम से गूंजा जनकपुर
महल के बाहर प्रभू के दर्शनों को उमड़े आस्था सैलाब को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाकर्मियों को मेहनत करनी पड़ी.
जय श्रीराम से गूंजा जनकपुर
जय श्रीराम से गूंजा जनकपुर
बैंडबाजों के मध्य जनकपुरी की जनता ने राम की आरती उतारी और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया. शोभायात्रा में चूहे पर सवार गणपति की झांकी सबसे आगे थी. चारों भाई घोड़ों पर और उनके पीछे माता जानकी चांदी के रथ पर विराजमान थीं. उनके आगे रामलीला कमेटी और जनकपुरी महोत्सव समिति के पदाधिकारी चल रहे थे. जनक महल के मंच पर मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने स्वरूपों की आरती उतारी. राजा जनक ललित नारायण पाराशर, रानी सुनैना मुन्नी देवी सहित पदाधिकारियों ने स्वरूपों की आरती उतारी.