श्रीमनकामेश्वर मंदिर पर अदभुत नजारा था. समूचा रावतपाड़ा अयोध्या नगरी की तरह दमक रहा था. प्रभु श्रीराम को वर के रूप में देख श्रद्धालु गदगद हो रहे थे.
गाजे-बाजे के साथ निकली प्रभु श्रीराम की बारात
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जब रथ पर सवार हुए, तो उनकी इस छवि को हर किसी ने मन में भर लिया. मोहक छवि को सभी ऐसे निहार रहे थे, मानो प्रभु के दर्शन को कब से आतुर थे.
100 से अधिक झांकियों ने किया मोहित प्रभु श्रीराम की वरयात्रा श्रीमनकामेश्वर मंदिर से प्रारम्भ हुई. शोभायात्रा में सबसे पहले दो ऊंट चल रहे थे. उनके पीछे छह घोड़े कोतल के रूप में फि र आर्केस्ट्रा पार्टी, विघ्न विनाशक गणेशजी की सवारी थी.
इनके बाद भव्य एवं मनमोहक झांकियों का सिलसिला शुरू हो गया. मुख्य झांकियों में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओÓ, नदी अस्तित्व बचाओ, यमुना शुद्धिकरण, पशु हत्या, शराब न पीने की झांकी, गंगा अवतरण, नौका विहार, सुदामा चरित्र, समुद्र मंथन, सामाजिक झांकी, राधा-कृष्ण नृत्य, काली माता का नृत्य, सीता हरण, घटोत्कच का कर्ण के साथ युद्ध, भांगड़ा पंजाबी डांस, गणेशजी डांडिया खेलते हुए, घोड़ा बैण्ड, कदम के पेड़ के नीचे कृष्ण भगवान, महारास, बालाजी दरबार रोड शो, काली माता का रोड शो, खाटू श्यामजी का रोड शो, फूलों की बांके बिहारी की झांकी सहित लगभग 100 झांकियां भक्तों को मोहित कर रही थीं.
बाराती देख गदगद हुए भक्त मुख्य आकर्षण चांदी का रथ जिसमें भगवान श्रीविष्णु लक्ष्मी के साथ जिनका श्रंगार कन्हैया एवं बृजमोहन द्वारा किया गया.
बिहारीजी की झांकी, उसके बाद महाराजा राजा दशरथ (रामअवतार गुप्ता परिवार सहित) व सुमंत की बग्घी पर सवार झांकी, मुनि विश्वामित्र व वशिष्ठ की संयुक्त सवार बग्गी पर झांकी, सूर्यवंशी राजकुमार शत्रुघ्न, राजकुमार भरत, भा्रता लक्ष्मण और उनके बाद स्वयं प्रभु श्रीराम का रथ चल रहा था.
गाजे-बाजे के साथ निकली प्रभु श्रीराम की बारात
विशेष रूप से किया गया श्रंगार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की वरयात्रा में चारों भाइयों राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न के श्रंगार का भी विशेष महत्व है.
चारों भाई दूल्हा बने राजसी श्रंगार में नजर आए. रवि गोस्वामी एवं राकेश अग्रवाल के निर्देशन में श्रंगार किया गया. राममोहन और शिवम ने बताया कि भगवान राम सूर्यवंशी हैं, अत: महाराज के मुकुट पर सूर्य अपनी अद्भुत छटा बिखेर रहे थे. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम रत्न जडि़त कमल मुकुट धारण किए हुए थे तथा सूर्य अपनी आभा बिखेर रहा था. रजत बंसल और रवि बंसल ने बताया कि भ्राता लक्ष्मण शेषावतार हैं. अत: शेषावतार लक्ष्मण रत्न जडि़त मुकुट धारण किए हुए थे उनके मुकुट पर शेषनाग विराजमान थे. मोहित अग्रवाल और हैप्पी द्वारा बताया कि भ्राता भरत के मुुकुट पर कमल का फूल अपनी अद्भुत छटा बिखेर रहा है तथा भगवान का मुख श्रंगार अनोखी आभा लिए था.
मुकुल एवं जुगल पंडित द्वारा बताया गया कि भ्राता शत्रुघ्न ने भी मध्य में कमल के फूल बना हुआ, चांदी का रत्न जडि़त मुकुट धारण किया.
प्रभुश्रीराम की उतारी आरती मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की आरती जिलाधिकारी पंकज कुमार, एसएसपी डॉ. पीतेन्द्र सिंह, डॉ. आरएस पारिक द्वारा की गई.
बारात का संचालन मुकेश अग्रवाल, प्रकाशचन्द के नेतृत्व में आनंद मंगल, राहुल गौतम, मोहित, मनोज, अंजुल द्वारा किया गया. सभी के विशेष सहयोग के लिए महामंत्री श्रीभगवान अग्रवाल व मीडिया प्रभारी राहुल गौतम ने आभार व्यक्त किया.
प्रभु श्रीराम की वरयात्रा रावतपाड़ा से शुरू होकर परम्परागत मार्ग होती हुई सुबह रावतपाड़ा पर समाप्त हुई. पुन: सुबह श्रीराम अपने भाइयों के साथ जनकपुरी रवाना होंगे.
रथों के आगे बैण्ड मधुर ध्वनि बिखरते हुए चल रहे थे.