जब प्रभु श्रीराम की बारात जनकपुर की ओर चली, तो शुभ सगुन होने लगे, विभिन्न प्रकार के मंगलगीत गूंजने लगे. बारात की शोभा का वर्णन करते नहीं बन रहा है.
राम सरिंस बरु दुलहनि सीता, समधी दशरथ जनकु पुनीता
अयोध्यावासी इस बात से अपने आप को धन्य मान रहे हैं, कि ऐसा सुन्दर समय आया है, जिसमें श्रीराम दूल्हा बने हैं, वे दुल्हन बनीं सीता का वरण करेंंगे.
इस दौरान मुख्य रुप से मुख्य संरक्षक केदारनाथ अग्रवाल, अध्यक्ष अजय अग्रवाल, स्वागताध्यक्ष डॉ. पार्थ सारथी शर्मा, सर्व व्यवस्था प्रमुख वीरेंद्र अग्रवाल, महामंत्री संजय मिश्रा, मुख्य संयोजक रमेश वर्मा, संयोजक मुकेश नेचुरल, दीपक अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश चतुर्वेदी, छुट्टन सिंह तरकर,सुधीर शर्मा, प्रवक्ता राजकुमार पथिक, सुनील पाराशर, जितेंद्र पाराशर, वरुण पाराशर, राजेश कठेरिया, अनिरुद्ध गर्ग, हिमांशु मिश्रा, रानी सुनयना मुन्नी देवी, पुत्र वधु उर्मिला पाराशर, गायत्री पाराशर, नंदरानी, अलका, कल्पना, कमलेश, जनकपुरी महिला समिति की उर्मिला देवी, हृदेश चौधरी, मृदुला अग्रवाल, नीलम अग्रवाल, पायल सिंह चौहान, राजेश्वरी, उषा गर्ग, प्रभा तिवारी, अंजली गुप्ता, रश्मि गुप्ता, अनीता गौतम, रेखा तिवारी, डॉ. अलका बिंदल प्रमिला आदि मौजूद रहीं.
राम सरिंस बरु दुलहनि सीता, समधी दशरथ जनकु पुनीता
राम सरिंस बरु दुलहनि सीता, समधी दशरथ जनकु पुनीता
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राम सरिंस बरु दुलहनि सीता, समधी दशरथ जनकु पुनीता
राम सरिंस बरु दुलहनि सीता, समधी दशरथ जनकु पुनीता
राम सरिंस बरु दुलहनि सीता, समधी दशरथ जनकु पुनीता
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