यह ऐशबाग रेलवे स्टेशन है. यहां टीसी कार्यालय एवं पूछताछ विभाग में दिन में ताला लटका नजर आया.
Sitapur to Lucknow
ऐशबाग रेलवे स्टेशन में कम्प्यूटरीकरण रेल आरक्षण काउंटर में नहीं चलता मिला कम्प्यूटर, अब विंडो में खड़े होकर पता करें कहां आएगी ट्रेन
नहाने की जगह नहीं मिली तो ऐशबाग रेलवे स्टेशन में ही नहाते हुए दिखे यह महाशय
प्लेटफॉर्म पर बच्चे साइकिल चलाना सीख रहे हैं. अब ऐसे में अगर ट्रेन आ जाए और वे अगर हड़बड़ा कर गिर पड़े तो...
यह देखिए. यह है ऐशबाग रेलवे स्टेशन का प्रतीक्षालय ग्रह. यहां यह पुलिस वाले भाईसाहब सोते हुए पाए गए.
ओवरब्रिज बने होने के बावजूद लोग पटरियों पर चलकर प्लेटफॉर्म पार करते हैं...
यह फोटो है बख्शी का तालाब रेलवे स्टेशन का. यहां रेलवे स्टेशन पर पान मसाला और गुटखा बिकते हुए नजर आया और वो भी बच्चे बेच रहे थे.
अब हम आ गए सिटी स्टेशन. यहां पटरियों पर गाय-भैंस घास चरती नजर आईं.
एक जगह आकर हमारी पैसेंजर ट्रेन रुक गई. बस रुकी ही थी कि एक जवान अपनी फैमिली के साथ ट्रेन से कूद गए. लेकिन तभी सामने से ट्रेन आ गई.
पैसेंजर ट्रेन का पंखा देख लीजिए. एक चल रहा है और दूसरा नहीं.
यह है सीतापुर रेलवे स्टेशन का पहला नजारा. यहां गाय प्लेटफॉर्म पर घूमते हुए मिली. ऐसा नजारा देखकर हैरान रह गया.
यह है दूसरा नजारा. ट्रेन प्लेटफॉर्म पर रुकी और कुछ समझदार लोग तो ओवरब्रिज के सहारे एग्जिट की ओर निकले तो कुछ ने यह जहमत नहीं उठाई. प्लेटफॉर्म से नीचे उतरे और पटरी पार कर गए.
यह है तीसरा नजारा. यहां साफ-साफ लिखा है कि विकलांगों हेतु पार्किंग स्थल, लेकिन हो क्या रहा है...
यह भी देखने को बचा था. सीतापुर रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर ही गाय खाना ढूढ़ते हुए दिख गई. कोई रोकने वाला नहीं.