ये है ट्रेनिंग का पहला स्टेप।
तस्वीरों में देखें चीन में स्पोर्टस ट्रेनिंग या टॉर्चर
12 photos | Updated Date: Fri, 09 Sep 2016 16:13:51 (IST)
पहले कदम पर ही आंखों में आंसू।
बस पोछ दिये आंसू अब चलो आगे बढ़ो,वरना झड़ी पड़ेगी।
बच्चे हैं तो क्या दर्द तो सहना ही होगा।
बदन को तोड़ मरोड़ कर ही सही तैयार तो होना ही है।
मासूम चेहरा और कड़ा प्रशिक्षण।
तीन साल की उम्र में ही स्पोर्टस ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है स्कूल।
इतनी सी उम्र में घंटो उल्टे लटके रहते हैं ये बच्चे।
दरिया आग का नहीं पानी का ही है पर डूब कर पार उतरना है।
रोते रोते हंसना नहीं अभ्यास करना सीखना पड़ता है।
दर्द की इंतहा हो जाये तो भी ट्रेनिंग नहीं रुकती।
बोझ तो उठाना पड़ेगा सारी दुनिया का नहीं मैडल लाने की जिम्मेदारी का।