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'लागत है हमसे रूठ गए हैं भगवान'

5 photos    |   Updated Date: Sat, 18 Apr 2015 00:30:14 (IST)
1/ 5'लागत है हमसे रूठ गए हैं भगवान'
'लागत है हमसे रूठ गए हैं भगवान'

बेमौसम हुई बरसात से किसानों का हाल हुआ बेहाल 50 परसेंट से ज्यादा फसलें हो चुकी हैं बर्बाद

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'लागत है हमसे रूठ गए हैं भगवान'

दूसरों के इन अन्नदाताओं के आगे खुद अन्न के लाले पड़ गए हैं.

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'लागत है हमसे रूठ गए हैं भगवान'

नौ बीघा खेत में खेती कईले रहली. सोचले रहली के ई साल अच्छा जाई और पूरा साल फसल कटने के बाद भर पेट खाना मिली लेकिन हमें का पता रहल की भगवान हम लोगन से मुंह मोड़ लेहियन और नाराज होकर अपने गुस्से का गाज हम गरीबन पर ही गिरईअन.Ó ये शब्द उन मजबूर और बदनसीब किसानों के हैं जो कल तक दूसरों का पेट भरने के लिए खेती-बारी करते थे लेकिन इन पर कुदरत ने ऐसा कहर बरसाया है.

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'लागत है हमसे रूठ गए हैं भगवान'

बेमौसम हुई बरसात के बाद हर ओर कुछ ऐसा ही आलम है.

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'लागत है हमसे रूठ गए हैं भगवान'

मौसम के इस खेल ने किसी के आगे रोजी रोटी का संकट पैदा कर दिया है तो किसी को बेटी के हाथ पीले करने की समस्या सता रही है. लखनपुर गांव के ही ओमप्रकाश चौहान की बेटी ज्योत्सना की शादी सात मई को तय है. शादी की तैयारियां अब होनी चाहिए लेकिन घर पर सब परेशान हैं. परेशानी इस बात की कि उसके पिता समेत दादी और चाचा की कुल नौ बीघा लगी फसल में से आधी से ज्यादा बारिश में बर्बाद हो चुकी है. जिसके बाद शादी की तैयारियों पर ग्रहण लग गया है. ज्योत्सना की दादी दौलती देवी का कहना है कि बिटिया के कैसे विदा करी ये समझ में नाहीं आवत हौ. क्योंकि घर पर खाने के लाले हैं और ऐसे में बेटी की झोली में क्या डाले ये समझ नहीं आ रहा है.

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