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सिर चढ़कर बोली फनडे की मस्ती

16 photos    |   Updated Date: Sun, 25 Jan 2015 22:37:17 (IST)
1/ 16सिर चढ़कर बोली फनडे की मस्ती
सिर चढ़कर बोली फनडे की मस्ती

जागरण कनेक्शन में अरसे से भूले बिसरे खेलों में लोग हाथ आजमाते दिखे. किसी ने तीन टिप्पो खेला तो किसी ने गेंदतड़ी का मजा लिया. बच्चों का क्या कहना, उन्हें तो मानो मुंह मांगी मुराद मिल गई.

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सिर चढ़कर बोली फनडे की मस्ती

पिछले रविवार को संपूर्णानंद स्टेडियम सिगरा में आयोजन का नजारा तो हर किसी को याद था. बस वैसी ही खुशियां अपने दामन में बटोरने की खुशियां लिए लोग सुबह से सारनाथ पहुंचने लगे.

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कुछ लोग मौसम के बदले मिजाज को देखकर हिचकिचाए लेकिन थोड़ी ही देर में धूप खिली और लोगों का रेला सारनाथ की ओर बढ़ चला.

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सिर चढ़कर बोली फनडे की मस्ती

स्पोट्र्स, डांस, म्यूजिक, पेंटिंग, साइकिल स्टंट, बाइक स्टंट और दूसरे तमाम तरह के ईवेंट्स में शामिल हर कोई खुद को खुश होने से रोक नहीं सका.

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सुबह 10 बजे से शुरू हुआ जागरण कनेक्शन आयोजन में न सिर्फ लोगों ने हर तरह से सपरिवार मनोरंजन किया बल्कि उन पुराने लोगों से भी मुलाकात हुई जिनसे व्यस्तताओं के चलते मिले अरसा हो गया था. लोग पुराने दोस्तों से मिले और यादें साझा कीं. नए दोस्त भी बनाए और हर रंग को मोबाइल कैमरे में कैद किया.

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खेलकूद और मौज मस्ती के आयोजनों को सहेजे इस महाकुंभ में एक बार जो घुसा, क्या खेलें और क्या छोड़ दें के असमंजस में फंसा ही रहा. विकल्प तलाशने में हुए परेशान तो इसमें दोस्तों को बुलाने के लिए सेलफोन पर आसमान सिर पर उठा लिया. महज कुछ ही देर में हमजोलियों की पूरी टीम हाजिर और एक एक खेल का आनंद उठाया.

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इसी के साथ कोना-कोना जोश, उत्साह, उमंग और हंसी-खुशी के रंगों से रंगा नजर आने लगा. हालांकि हर जोन में मौजूद खेलों में इतने खोए कि खुद को वहां से हटा पाना उनके लिए मुश्किल साबित हो रहा था.

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सिर चढ़कर बोली फनडे की मस्ती

संग्रहालय के छोर या महाराज सुहेलदेव की प्रतिमा की ओर से प्रवेश करते ही रॉक बैंड द्वारा प्रस्तुत गीत-संगीत की स्वर लहरियों पर कदम थिरक उठे. जुंबा डांस तो दूसरी ओर रेडियो मंत्रा की ओर से टैलेंट हंट जैसा खास इंतजाम किया गया था. बाइक और साइकिल पर स्टंट तो रोलर स्केटिंग करते युवाओं के हौसले ने रोमांच का अनुभव कराया.

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कलाकारों के रंग में रंग कर प्रतिभागियों को आयोजन का अंदाज खूब भाया. जादूगर ने भी गजब करतब दिखाया. पश्चिमी व भारतीय विधाओं का खूबसूरत समागम के अलावा लोगों ने ताइक्वांडो-कराटे सीखा और योग-साधना के लिए पैर जमाया. खुले आसमान के नीचे कैरम की गोटियां बिछीं तो शतरंज की बाजी सजी.

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लोगों ने रस्सी खींची, रस्सी कूदे और विभिन्न दौड़ में भाग लिया तो चित्र भी बनाया, के अलावा बैडमिंटन खेला, क्रिकेट पर स्टम्प चटकाया, पतंग की डोर ढीली, वालीबॉल खेला और सूई धागा प्रतियोगिता में भी भाग लिया.

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यदि आप इस अनूठे आयोजन में भागीदारी से रह गए हों तो निराश होने की बात नहीं.

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जागरण कनेक्शन वाराणसी अगला रविवार भी खास बनाएगा. न कोई टिकट और न कोई रोकटोक.

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जागरण और आई नेक्स्ट परिवार आपको एक बार फिर बुलाएगा.

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स्थान और समय के बारे में बस आपको अखबार पूरी संजीदगी से पढ़ते रहना होगा.

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अगला रविवार भी होगा खास.

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