कन्वोकेशन में 1,218 स्टूडेंट्स को दीक्षित किया गया. 47 स्टूडेंट्स को पीएचडी, 309 स्टूडेंट्स को एमटेक-एमफार्मा, 147 स्टूडेंट्स को आईडीडी-आएमडी तथा 715 स्टूडेंट्स को बीटेक-बीफार्मा की डिग्री प्रदान की गयी. मुख्य समारोह में टोटल 38 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल दिया जाना था लेकिन किसी कारणवश सात स्टूडेंट्स नहीं पहुंच सके.
तीसरे कन्वोकेशन में 31 स्टूडेंट्स के गले सजा गोल्ड मेडल
इस बार भी खास यह रहा कि डिग्री और मेडल लेने के लिए सभी स्टूडेंट्स परंपरागत भारतीय परिधान में सजे दिखे. बॉयज जहां धोती कुर्ता या कुर्ता पायजामा पहने हुए थे तो गल्र्स साड़ी और सलवार कुर्ता में काफी फब रही थीं. इस बार सभी ने क्रीम कलर की सदरी भी पहन रखी थी. आईआईटी बीएचयू के लोगो से सजा उत्तरीय सभी स्टूडेंट्स के परिधान को और भी खास बना रहा था.
कन्वोकेशन एडे्रस में डॉ. वंदना शिवा ने कहा कि डिग्री पा लेना शिक्षा का अंत नहीं. यहां से शुरुआत होती है. स्टूडेंट्स को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए. डिग्री लेने के बाद उनकी जिम्मेदारी उनके समाज व देश के प्रति और भी बढ़ जाती है. आज का दौर कठिन चुनौतियों का है. तमाम तरह के विदेशी दबाव के बीच हमें विकास की ऐसी राह खोजनी होगी जिससे भारत की संप्रभुता और भारतीय जैव विविधता बची रहे. उन्होंने कहा कि विकसित देश विकासशील देशों पर हर तरह के दबाव की रणनीति पर चल रहे हैं. उनके पंजे हमारे किसानों तक पहुंच चुके हैं. वल्र्ड ट्रेड आर्गनाइजेंशस जैसी संस्थाएं ऐसा ही दबाव बनाने वाली संस्थाएं हैं. उन्होंने बायोपायरेसी के प्रति भारतीय साइंटिस्ट्स को आगाह किया. उन्होंने बीज स्वराज, अन्न स्वराज, जल स्वराज, ज्ञान स्वराज की प्रधानता की बात कही.
इसके पहले कन्वोकेशन की परंपरा का निर्वाह करते हुए प्रोसेशन निकला. प्रोसेशन का नेतृत्व आईआईटी के रजिस्ट्रार प्रो. माथुर ने किया. इसमें सीनेट मेंबर्स, आईआईटी बोर्ड ऑफ गवर्नेंस के चेयरमैन व बीएचयू के वीसी प्रो. जीसी त्रिपाठी, आईआईटी के डायरेक्टर प्रो. राजीव संगल और चीफ गेस्ट डॉ. वंदना शिवा शामिल थीं. कन्वोकेशन का शुभारंभ महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी की प्रतिमा पर पुष्पहार अर्पित करने से हुआ. प्रो. जीसी त्रिपाठी ने कन्वोकेशन के शुभारंभ की घोषणा की. इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर प्रो. राजीव संगल ने एनुअल रिपोर्ट पढ़ी और स्टूडेंट्स को डिस्पिलन का पाठ पढ़ाया.
आईआईटी बीएचयू के तीसरे कन्वोकेशन में सबसे अधिक छह मेडल्स कंप्यूटर इंजीनियरिंग बीटेक की श्रद्धा अग्रवाल की झोली में आए हैं. इन्हें पांच गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल मिला है. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बीटेक की एसएम अर्चना को पांच मेडल हासिल हुए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के शुभम सहाय के हिस्से चार और केमिकल इंजीनियरिंग बीटेक की निकिता सहगल की झोली में भी चार मेडल आए हैं. श्रद्धा ने कहा कि मुझे तो समझ में नहीं आ रहा है कि मैं किस तरह से अपने गुरुजनों के प्रति सम्मान व्यक्त करूं. यह मेडल्स मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि हैं. मेरी यह उपलब्धि देश व समाज के काम आये यही मेरी कोशिश होगी.