फिल्म 'महल' का नायक भटकती हुई आत्मा को दिल दे बैठता है। पुनर्जन्म पर बनी यह फिल्म 1949 में रिलीज हुई। अशोक कुमार और मधुबाला के अभिनय वाली इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त कामयाबी हासिल की थी। लता मंगेशकर को भी कमाल अमरोही की इस फिल्म से पहचान मिली।
बॉलीवुड की 10 सबसे डरावनी फिल्में
मंदिर के पास डोली रखते ही लाल जोड़े में सजी दुल्हनें गायब हो जाती हैं। उनको गायब करने वाला कोई और नहीं एक आत्मा है। आत्मा जो उसे मारने आए इंसान में समा जाती है और सिलसिला जारी रहता है। 1979 में रिलीज हुई जानी दुश्मन न सिर्फ दर्शकों को डराने बल्कि बॉक्स ऑफिस पर कामयाब साबित हुई थी। फिल्म में उस जमाने के सारे बड़े सितारे मौजूद थे।
पत्नी अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर देती है। पति वापस आता है मगर जॉम्बी बनकर अब उसका मकसद बदला है। रामसे ब्रदर्स की फिल्म 'दो गज जमीन के नीचे' 1972 में रिलीज हुई। 40 दिन में साढ़े तीन लाख रुपए में बनी यह फिल्म किसी को भी डराने के लिए काफी है।
रामगोपाल वर्मा की 'भूत' 2003 में रिलीज हुई। फिल्म के मुख्य किरदार अजय देवगन और उर्मिला मातोंडकर ने निभाए हैं। दोनों एक अपार्टमेंट खरीदते हैं। जहां एक आत्मा उर्मिला मातोंडकर को अपने वश में कर लेती है। इसके बाद शुरू होता है डर और खौफ का सिलसिला।
'सत्या' और 'कंपनी' में अंडरवर्ल्ड की कहानियों को परदे पर उतारने वाले रामगोपाल वर्मा को 'भूत' की कामयाबी के बाद मानो हॉरर भा गया। 2003 में ही वर्मा की एक और फिल्म आई 'डरना मना है'। 'जानी दुश्मन' पहली मल्टीस्टारर हॉरर फिल्म जिसमें छह डरावनी कहानियां हैं।
काला जादू और अंधविश्वास पर बनी रामगोपाल वर्मा की हॉरर मूवी 'फूंक' 2008 में बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई। कहानी कुछ इस तरह है, नास्तिक राजीव की बेटी रक्षा अचानक अजीब हरकतें करने लगती है। राजीव को यकीन हो जाता है कि किसी ने उसकी बेटी पर काला जादू किया है। अब वह भगवान की शरण में है।
विक्रम भट्ट के निर्देशन में बनी हॉरर मूवी 'राज' 2002 में रिलीज हुई थी। एक युवा जोड़ा अपनी शादी को टूटने से बचाने के इरादे से ऊटी आता है। उसे अहसास होता है कि जिस जगह वह ठहरे हैं वहां प्रेतात्मा का वास है। डीनो मारिया और बिपाशा बसु ने फिल्म में मुख्य भूमिकाएं निभाईं थीं। मूवी बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी।
हांटेड 3डी 2011 में रिलीज हुई। विक्रम भट्ट की यह हॉरर फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपर हिट साबित हुई थी। फिल्म का नायक अपने मेंशन पहुंचता है जिसके केयरटेकर की दो दिन पहले मौत हो गई है। मेंशन 10 दिन बाद बिकने वाला है। इसी बीच रात को अजीबोगरीब हरकतें शुरू हो जाती हैं।
एक युवा जोड़ा रोमांटिक वीकेंड के लिए एक घर में पहुंचता है। जहां रिकॉर्डिंग के लिए हिडेन कैमरे लगे हैं। अचानक उस युवा जोड़े की मुलाकात वहां रह रही चुड़ैल से हो जाती है। 2011 में आई एकता कपूर की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खासी कामयाबी हासिल की।
कवि जयदेव अकेले रह रहा है। एक दिन वह झील के पास बेहोश पड़ी एक लड़की को घर ले आता है। उसे जयदेव की कविताओं के अलावा अपनी पिछली जिंदगी के बारे में कुछ भी याद नहीं है। कब्रिस्तान का कीपर जयदेव को चेताता है कि उसके घर में आत्मा का बसेरा हो गया है। विक्रम भट्ट की लिखी '1920 द इविल रिटर्न्स' 2008 में रिलीज हुई थी।