कल मध्य प्रदेश के उज्जैन में पहले शाही स्नान के साथ ही सिंहस्थ कुंभ का आगाज हो गया है। यह क्षण 12 साल बाद आया है।
उज्जैन में 12 साल बाद हुआ सिंहस्थ कुंभ का आगाज, कुछ इस तरह हुआ शाही स्नान...
सभी अखाड़ों के साधु-संत पारंपरिक शोभयात्रा के साथ शिप्रा तट की ओर बढ़ते रहे।
इस दौरान मार्ग के दोनों ओर संतों के दर्शन को भक्तों की भीड़ लगी रही।
अमृतमयी मोक्षदायिनी शिप्रा नदी में सबसे पहले अखाड़ों के साधु-संतों ने शाही स्नान किया। घाटों पर सुरक्षा के बड़े इंतजाम किए गए हैं।
वैष्णव अखाड़े और अणि अखाड़े के साधु संत भी शिप्रा तट पर पहुंचे। इन्होंने भी शाही स्नान किया।
कल कुंभ की शुरुआत में सुबह शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती और नागा साधुओं के शाही स्नान के साथ सबसे बड़ा धार्मिक मेला शुरू हो गया।
भेरूपुरा, हनुमानगड़ी, शंकराचार्य चौक होते हुए छोटीरपट, केदारघाट, एवं दत्तअखाड़ा घाट पर भी स्नानर्थियों की भीड़ रही।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा (दत्त अखाड़ा) बड़नगर उज्जैन, यह अखाड़ा भी स्नान के लिये पहुंचा।
इस कुंभ में पाइलट बाबा के साथ विदेशी भक्त भी शाही स्नान के लिए पहुंचे थे। सबने बड़ी आस्था के साथ स्नान किया।
लोगों ने पहले दिन बड़ी संख्या में डुबकी लगाई। सिंह राशि में बृहस्पति व राहु का दृष्टि संबंध भी बनने से यह योग धर्म व आध्यात्मिक उन्नति के महत्वपूर्ण है।