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इंजीनियरिंग बना पांचवां धर्म

13 photos    |   Updated Date: Thu, 08 Dec 2016 19:08:35 (IST)
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इंजीनियरिंग बना पांचवां धर्म

एक समय था जब कॅरियर बनाने के लिए कुछ ही फील्ड थीं, लेकिन अब संभावनाएं बहुत हैं. कॅरियर की तमाम संभावनाओं के बावजूद आज भी इंजीनियरिंग सेकेंड्री पेशा है. भारत हर साल 17 लाख इंजीनियर बना रहा है. भारत समेत दुनिया भर में इंजीनियर्स का ये आंकड़ा देखा जाए तो इंजीनियरिंग विश्व का पांचवां धर्म है. कुछ ऐसी ही रोचक जानकारी से बुधवार को एक्सपट्र्स ने स्टूडेंट्स को रूबरू कराया.

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इंजीनियरिंग में बेहतर भविष्य बनाने के लिए टिप्स दीं. मौका था वीआईटी यूनिवर्सिटी प्रजेंट्स आई नेक्स्ट इंजीनियरिंग गेटवेज-2016, पॉवर्ड बाय जागरण जोश का. आयोजन पचकुइंया स्थित माथुर वैश्य सभागार में किया गया.

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लैंप लाइटिंग के साथ हुई शुरूआतइंजीनियरिंग गेटवेज का शुभारंभ एक्सपट्र्स मोटीवेटर अरुणेन्द्र सोनी, केमिस्ट्री फैकल्टी सपना तोमर और मैथ्स फैकल्टी अविनाश सारस्वत ने मां सरस्वती की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया. सेमिनार में स्टूडेंट्स की अलग-अलग सŽजेक्ट्स की क्वेरीज का एक्सपट्र्स ने सॉल्यूशन भी किया. एक्सपट्र्स ने पढ़ाई का टाइम टेबल फिक्स करने से लेकर उनके लिए बेस्ट इंस्टीट्यूट, कोर्स और कॅरियर को लेकर अच्छे टिप्स दिए. दो सेशन में आयोजित हुए इस सेमिनार में स्टूडेंट्स को महत्वपूर्ण जानकारियां मिलीं.

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मैथ्स सिर्फ स्टूडेंट्स की साइकोलॉजिकल प्रॉŽलममैथ्स कोई प्रॉŽलम नहीं है. स्टूडेंट्स ने इसे सिर्फ हौवा बना रखा है. ये साइकोलॉजिकल प्रॉŽलम है. सीनियर मैथ्स फैकल्टी अविनाश सारस्वत ने इस सŽजेक्ट को लेकर स्टूडेंट्स में बनी थिंकिंग के बारे में बताया कि जब भी कोई मैथ फैकल्टी नया चैप्टर शुरू करती है, तो स्टूडेंट्स सिर्फ यही चाहते हैं कि यह लेक्चर जल्दी खत्म हो जाए. इसे बदलिए और मैथ्स को प्रैक्टिस का समय दीजिए. इस दौरान कुछ स्टूडेंट्स ने सवाल भी पूछे.

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हिंदी-इंग्लिश को अपने सŽजेक्ट्स में न उलझाएंआमतौर पर भाषा के फेर में भी स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई को अच्छे से नहीं कर पाते. यूपी बोर्ड से पास आउट स्टूडेंट्स को इंग्लिश में केमिस्ट्री समझ में नहीं आती, जबकि ये भाषाएं सिर्फ कम्युनिकेशन हैं. इन सŽजेक्ट्स में टेक्निकल लैंग्वेज एक ही है. सीनियर केमिस्ट्री फैकल्टी सपना तोमर ने हिंदी-इंग्लिश में स्टूडेंट्स को आने वाली परेशानियों को दूर किया. उन्होंने इसे सिर्फ कम्यूनिकेशन का जरिया बताया और सŽजेक्ट पर फोकस करने के लिए सही रास्ते को चुनने के टिप्स दिए.

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लकी ड्रॉ विनर्स को मिले आकर्षक गिफ्ट्ससेमिनार में बैलेंसिंग गेम भी खेला गया. जिसमें स्टूडेंट्स की बैलेंसिंग पावर को देख प्वॉइंट्स दिए गए और विजेता को पुरस्कृत किया गया. इसके अलावा दोनों सेशन में लकी ड्रॉ भी निकाले गए जिनमें पांच-पांच लकी स्टूडेंट्स को आकर्षक गिफ्ट्स दिए गए. गिफ्ट्स पाकर स्टूडेंट्स के चेहरों पर खुशी देखने लायक थी. गिफ्ट्स के साथ छात्रों ने खूब सेल्फी भी लीं.

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