जापानी पहलवान रिसाको कावाई ने फ्री-स्टाइल के 63 किग्रा वेट कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद जैसे ही उनके कोच काजुहितो साकाई उन्हें बधाई देने के लिए मैट पर पहुंचे रिसाको ने उत्साह में उनको उठाकर दो पटखनी दे दी।
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मंगोलिया के पहलवान मेंडेकनेरन 65 किलो फ्री स्टाइल कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल के लिए उज्बेकिस्तान के इख्तियोर नवरूजोव से भिड़े। मगर जब वे 7-6 से आगे थे उन्हें लगा की मैच का टाइम पूरा हो चुका है और वे 10 सेकंड बाकी रहते ही वे मैट पर दौड़ने लगे और ब्रॉन्ज मेडल का जश्न मनाने लगे। उधर उज्बेक पहलवान ने उनकी जश्न मनाने की जल्दबाजी को चैलेंज कर दिया। बाउट खत्म होने के एलान से पहले ही जश्न मनाने का मेंडेकनेरन का तरीका जजों को भी पसंद नहीं आया। जिसके चलते उज्बेक पहलवान को ब्रॉन्ज मेडल का विनर घोषित कर दिया। इस फैसले के विरोध में मंगोलिया के दोनों कोच ब्यामबारेनचिन बायोरा और सेरेनबतार सोसत्यबार मैट पर पहुंच गए और अपने कपड़े उतार कर मंगोलिया-मंगोलिया चिल्लाने लगे।
इस मौके पर सबसे दर्दनाक हादसा फ्रांस के जिमनास्ट समीर ऐट सैद के साथ हुआ जिनका छलांग लगाते हुए रियो में बायां पैर घुटने के नीचे टूट गया। वैसे समीर के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ पिछले 2012 के लंदन ओलिंपिक में भी चोट के चलते वे नहीं खेल पाये थे। हांलाकि अभी भी उनके हौंसले बुलंद हैं और वे 2020 के ओलंपिक्स में जीत का सपना देख रहे हैं।
वैसे भारतीय महिला रेसलर साक्षी मलिक की जीत के जश्न का नजारा भी खासा मजेदार था जब खुशी से रोती हुई साक्षी को उनके कोच कुलदीप सिंह ने गोद में उठा रखा था।
जीत का जुनून क्या होता है ये 74 किग्रा कैटेगरी के मेन्स फ्री-स्टाइल रेसलिंग के फाइनल मुकाबले में रूसी रेसलर एनियर गेडुएव ने बताया जो जख्मी हो गए और उनकी आंख से खून टपक रहा था, लेकिन फिर भी उन्होंने गोल्ड के लिए लड़ाई जारी रखी। हालाकि शुरूआती 6-0 की बढ़त के बाद वे हार गए।
प्यार और रोमांस भी बना इस बार के ग्रीष्मकालीन का एक अह्म हिस्सा बना जब चीन के एथलीट किन के अपनी गर्लफ्रेंड स्प्रिंगबोर्ड में सिल्वर मैडल विनर हे जी की प्राइस सेरेमनी के बीच उन्हें प्रपोज करने पहुंच गए और उनके हां कहते ही डायमंड रिंग पहना कर रिश्ता पक्का कर दिया।
ऐसा भी होता है क्या जैसा पोल वार्ट बार इवेंट के स्टार जापानी एथलीट हिरोकी ओगिता के साथ हुआ। हिरोकी का प्राइवेट पार्ट पोल से टकरा गया और चोटिल ओगिता गोल्ड से चूक गए।
खिलाड़ियों में एक कहावत है कि विजेता लक्ष्य पर निगाह रखते हैं और हारने वाले विजेता पर, लेकिन जब से उसेन बोल्ट की वो तस्वीर वायरल हुई है जिसमें वो मुड़ कर अपने प्रतिद्वंदियों को देख रहे हैं एक नयी कहावत चलन में आ गयी है, विजेता लक्ष्य पर निगाह रखते हैं और हारने वाले विजेता पर अगर आप बोल्ट हैं तो कहीं भी निगाह रख सकते हैं। वैसे जीत के बाद ट्रैक को चूमते बोल्ट की तस्वीर भी काफी वायरल हो रही है।
दर्द भरी याद तो आरमेनिया के वेटलिफ्टर एंड्रानिक करापेत्यान की भी है जिनकी कोहनी की हड्डी के प्रतियोगिता के दौरान दो टुकड़े हो गए।
जीत की छलांग का क्या मतलब है ये कोई धावक शॉने मिलर से पूछे जिन्होंने जीत के लिए वाकई छंलांग लगाई और गोल्ड मैडल पर कब्जा कर लिया। शॉने मिलर ने महिलाओं की 400 मीटर की फाइनल रेस में फिनिश लाइन तक पहुंचने के लिए छलांग लगा दी,जिसके चलते उनके आगे चल रही एथलीट फेलिक्स कुछ सेकंड पीछे हो गई और 49.44 सेकंड में मिलर ने जीत हासिल कर ली।