इंटरमीडिएट में फिजिकल एजूकेशन के टीचर्स के डिमोसन से फंसा पेंच

नौंवी व दसवीं में फिजिकल एजूकेशन के टीचर्स को जिम्मा

ALLAHABAD: सूबे में सत्ता परिवर्तन के साथ योग को बढ़ावा देने की कवायद शुरू हो गई है। यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में योग को इस साल विस्तार दिया गया है। कक्षा नौ से 12 तक पढ़ाई की प्लानिंग पूरी होने के बाद अब नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत से योग शिक्षा को लागू करने की तैयारी है। लेकिन, विडंबना ये है कि इसका ज्ञान देने के लिए शिक्षक ही नहीं हैं।

योग शिक्षा को बढ़ावा

यूपी बोर्ड में योग की पढ़ाई पहले से चल रही है। अब इसे विस्तार देने की योजना है। परिषद ने पतंजलि योग पीठ हरिद्वार से प्रशिक्षकों को बुलाकर नये सिरे से कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाओं में योग की पढ़ाई को विस्तार देने की तैयारी की है। नये पाठ्यक्रम का गजट हो चुका है और विद्यालयों में भेजा जा रहा है। अब तक शारीरिक शिक्षक ही योग की भी शिक्षा देते थे। पिछले महीने सभी जिलों में शारीरिक शिक्षकों को ही पांच दिन के योग का विशेष प्रशिक्षण दिया गया, ताकि जुलाई से पढ़ाई शुरू हो सके। इससे कक्षा नौ व 10 में इंतजाम हो गया है।

शासनादेश ने बढ़ाई मुश्किल

कक्षा 11वीं व 12वीं में योग की क्लास लेने के लिए समस्या हो गई है। इसके पीछे की वजह एक शासनादेश है। वर्ष 2006 के शासनादेश के तहत उन शारीरिक शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नत किया गया, जिनकी सेवा दस वर्ष हो चुकी थी। इससे ये शिक्षक कक्षा 11 व 12 में पढ़ाने के अर्ह हो गये, लेकिन तभी माध्यमिक शिक्षा निदेशक अमरनाथ वर्मा ने छह अक्टूबर 2015 को आदेश जारी किया कि 1996 से पहले के वही शिक्षक पदोन्नत होंगे जिनका ग्रेड पे 1600-2600 रहा हो। इसके बाद पदोन्नत शिक्षकों को पदावनत करने की नोटिस जारी हुई। हालांकि कई शिक्षक हाईकोर्ट से स्थगनादेश ले आये हैं, लेकिन उन्हें एलटी ग्रेड शिक्षक ही माना जा रहा है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की नियमावली के मुताबिक इंटर स्तर पर प्रवक्ता ही पढ़ाने के अर्ह होते हैं। ऐसे में इंटर की कक्षाओं में योग पढ़ाने की विकट समस्या खड़ी हो गई है। विभागीय अफसर नये सत्र में योग की पढ़ाई को लेकर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।