- फिजिक्स टीचर चेक कर रहे बायोलॉजी की कॉपी

- डिमांड के बावजूद मूल्याकंन केंद्रों पर नहीं भेजे गए टीचर

- यूपी बोर्ड मूल्यांकन में स्टूडेंट्स के भविष्य से हो रहा खिलवाड़

Meerut । यूपी बोर्ड के मूल्यांकन में इन दिनों विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। ऐसे में छात्रों के भविष्य पर ही संकट मंडरा रहा है। यूपी बोर्ड के मूल्यांकन में एक और खेल सामने आ रहा है। दरअसल, फिजिक्स के शिक्षकों को बायोलॉजी की भी कॉपी चेक करनी पड़ रही है। कारण है कि बायोलॉजी के शिक्षकों का टोटा पड़ रहा है। बावजूद इसके, विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

कम हैं बायोलॉजी के टीचर

यूपी बोर्ड में मूल्यांकन खत्म होने में मात्र छह ही दिन शेष है। लेकिन साइंस की कॉपियों को लेकर सेंटर भी परेशानी में हैं। ऐसे में तय समय पर मूल्यांकन पूरा करने के चक्कर में मजबूरन फिजिक्स के शिक्षकों को ही बायो की कॉपी चेक करनी पड़ रही है। सदर एसडी ब्वॉयज इंटर कॉलेज में 10वीं की साइंस की कॉपियां चेक हो रही है। यहां पर कॉपियों की चेकिंग के लिए फिजिक्स के तो शिक्षक है लेकिन बायोलॉजी के शिक्षक नहीं है। यहां 77 हजार से अधिक कॉपियों का मूल्यांकन होना है। इसके एवज में शिक्षकों की संख्या महज 21 ही है। जोकि बहुत कम है।

ग्रुप सिस्टम का है नियम

नियमानुसार तो साइंस में 10वीं क्लास में फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं बायोलॉजी तीनों का एक ही पेपर होता है। इनमें से फिजिक्स एवं बायोलॉजी व केमिस्ट्री के बराबर शिक्षक कॉपियों की चेकिंग के लिए होने चाहिए। लेकिन यहां फिजिक्स के शिक्षक तो पूरे है, पर बायोलॉजी के शिक्षक मुश्किल से 10 प्रतिशत हैं।

नहीं मिले शिक्षक

मूल्याकंन केंद्रों के मुताबिक कॉपियों की चेकिंग के लिए बायोलॉजी के शिक्षकों की डिमांड के लिए 4 बार लेटर लिखा गया है। लेटर व फोन के जरिए डीआईओएस से कई बार बायोलॉजी के शिक्षक की डिमांड की गई है। लेकिन कोई भी शिक्षक नहीं भेजा गया है। उधर मूल्यांकन खत्म होने में महज पांच ही दिन शेष है, ऐसे में फिजिक्स के शिक्षकों से ही मजबूरी में कॉपियों का मूल्यांकन करवाना पड़ रहा है। फिजिक्स के एक शिक्षक ने बताया कि उन्हें बायो की अधिक नॉलेज नहीं है, इसलिए वो किसी दूसरे शिक्षक की चेकिंग को देखकर ही कॉपी चेक कर रही है।

बर्बाद न हो भविष्य

मूल्यांकन में इस तरह की लापरवाही से कई छात्रों का भविष्य अधर में है। इससे कॉपियों में गलत निरीक्षण भी हो सकता है। जिससे स्टूडेंट्स का भविष्य भी खराब होने के चांस है।

वर्जन

मैनें तो कई बार इस संबंध में लेटर लिखकर बायो के शिक्षकों की डिमांड की है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। रविवार को भी मैनें एक बार फिर से लेटर लिखा है।

-बीबी बंसल, प्रिंसिपल, एसडी ब्वॉयज सदर

मुझे तो बायो के शिक्षकों की कमी की जानकारी नहीं थी। अभी पता लगी है। जानकारी लेते है और समस्या का समाधान जल्द ही किया जाएगा।

-श्रवण कुमार यादव, डीआईओएस