- कोलकाता के बड़े उद्योगपति घराने से ताल्लुक रखने वाले मुरारी लाल मेहता ने काशी के विकास में समर्पित किया जीवन

- रामघाट अस्पताल, सांग्वेद विद्यालय और मंचकर्मियों के लिए नागरी नाटक मंडली ऑडिटोरियम का कराया निर्माण

- काशी के विकासपुरुष और इस महान पितृ को काशी करती है सलाम

VARANASI : काशी को डेवलप करने में कई लोगों को योगदान रहा है। यूनिवर्सिटी से लेकर पौराणिक इमारतों और घाटों तक का निर्माण कई महान पितरों ने कराकर काशी की धरती को धन्य किया। इन महान पितरों में एक ऐसा नाम भी शामिल है जिन्होंने काशी के विकास में कई ऐसे काम किये जो आज भी उनकी यादों को बनारसियों के जेहन में ताजगी बनाए हुए है। ये हैं मुरारी लाल मेहता। वे कोलकत्ता के बड़े उद्योगपतियों में शुमार थे। बनारस आकर कुछ अलग करने की चाहत और काशी के लोगों को विकास की सौगात देने के इरादे से इस महान पितृ ने काशी में कई ऐसी चीजों की शुरुआत की जो आज भी यहां के लोगों के लिए हर मामले में बेस्ट हैं।

काशी में किया काम

कोलकाता में जन्मे इस महान पितृ ने काशी को अपनी कर्म भूमि के रुप में डेवलप किया। चौक की संकरी गली में मुरारी लाल मेहता ने एक ऐसे अस्पताल का निर्माण कराया जिसे किसी जमाने में गलियों का एम्स कहा जाता था। गंगा किनारे बसे इस अस्पताल की खासियत ये थी कि यहां आने वाला हर पेशेंट यहां के कमरों की खिड़कियां खुलने के बाद ही खुद को फिट महसूस करने लगता था। इसकी वजह थी कि हॉस्पिटल के हर कमरे की खिड़की गंगा तट पर खुलती थी। गंगा किनारे गली में बसे इस अस्पताल में एक वाटर एंबुलेंस की भी व्यवस्था थी। स्टीमर के रूप में चलने वाली ये एंबुलेंस घाटों से पेशेंट को लेकर अस्पताल आती थी। बल्लभ राम शालिग्राम मेहता के नाम से बने इस अस्पताल में यूपी की पहली लिफ्ट के साथ ऐसी जांच मशीनें लगाई गई थी जो आज के सैकड़ों साल पहले सिर्फ दिल्ली और बंगलुरू के कुछ अस्पतालों में ही मौजूद थी।

मंच भी दिया काशी को

मुरारी लाल मेहता ने काशी को इतना बेहतरीन अस्पताल देने के साथ ही इसी से सटा एक संस्कृत विद्यालय भी दिया। सांग्वेद शिक्षा के बड़े केन्द्र के रुप में डेवलप इस विद्यालय में आज भी बच्चे दूर-दूर से संस्कृत विद्या ग्रहण करने आते हैं। इसके अलावा इन्होंने कबीरचौरा स्थित मुरारी लाल मेहता ऑडिटोरियम की स्थापना भी की। इसे नागरी नाटक मंडली के नाम से भी जाना जाता है। नाटकों के मंचन से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए यह स्थान आज भी पहली पसंद है और देश विदेश तक काशी के नाम को रोशन करने वाले हुनरमंद लोगों के इरादों को हकीकत के पंख लगा रहा है।