लोगों के साथ धोखा

जानकारी के मुताबिक चंडीगढ़ की अचल जैन ने बीते साल 8 अक्टूबर 2014 में पिज्जा हट के खिलाफ एक कंज्यूमर फोरम में एक केस दायर किया था। उनका कहना था कि उनकी फैमिली की पिज्जा खाने की इच्छा थी इस पर उन्होंने ऑनलाइन पिज्जा ऑर्डर कर दिया। इस दौरान कंपनी को वेज पिज्जा आर्डर किया। इसके बाद एक फिक्स समय में कंपनी ने उनके आर्डर पर पिज्जा डिलीवर्ड करा दिया। ऐसे में उनके परिवार ने पिज्जा को बड़े ही स्वाद से खाया। पिज्जा खाने के बाद उन लोगों को पता चला कि ये वेज नहीं बल्िक नॉनवेज पिज्जा हैं। इस पर पूरा परिवार परेशान हो उठा। उन्हें कंपनी की इतनी बड़ी मिस्टेक पर यकीन नहीं हो रहा था। ऐसे में सवाल उठने लगे कि जब इतनी बड़ी कंपनी लोगों के साथ धोखा कर सकती है तो आम कंपनियों की बात करना बेकार है।

आगे कोई परेशान न हो

गलती छुपाने की कोशिश साथ हुए धोखे से परेशान जैन फैमिली ने समाज हित में ठोस कदम उठाने का फैसला किया। उन्होंने इस मामले को दबाने के बजाया इसके खिलाफ एक्शन लेने का प्लान बनाया। ताकि आगे कंपनी ऐसी गलती करके दूसरे लोगों के साथ धोखा न करें।जैन परिवार का मानना था कि  जिस तरह से वे लोग परेशान हुए उस तरह से आगे कोई परेशान न हो।  ऐसे में जब यह मामला कंज्यूरम फोरम पहुंचा तो वहां सबसे पहले यही सवाल उठा कि इतनी बड़ी कंपनी नागरिक सुरक्षा के साथ कैसे खिलवाउ़ कर सकती हैं। हालांकि इस दौरान पिज्जा हट ने अपनी गलती को छुपाने की काफी कोशिश की। कई सारी दलीलें दी, लेकिन सफल नहीं हो सकी।

नॉनवेज पिज्जा डिलीवरी

ऐसे में कंज्यूमर फोरम में पी एल आहूजा की अध्यक्षता में इस मामले पर अंतिम मुहर लगी। इस दौरान कहा गया है कि कपंनी ने जैन फैमिली के वेज पिज्जा आर्डर करने के बाद उनसे नॉनवेज पिज्जा का चार्ज 605 रुपये वसूला। जब कि वेज पिज्जा का चार्ज 508 रुपये है। ऐसे में इस पूरे मामले में कंपनी अपनेनिर्दोष होने का सबूत नहीं दे पा रही है। जिससे कंज्यूमर फोरम ने वेज पिज्जा आर्डर पर नॉनवेज पिज्जा डिलीवरी के लिए पिज्जा हट को 30 हजार रुपये जुर्माने का निर्देश दिया है।

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