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- सेना की कब्जामुक्त जमीन पर 25 प्रजातियों के लगेंगे 22 हजार पौधे

- पौधे से पेड़ बनने पर नहीं होगा वन विभाग का अधिकार, तकरार खत्म

BAREILLY:

लास्ट ईयर पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन के लिए रक्षा संपदा विभाग ने कैंटोनमेंट एरिया व सेना की जमीन पर पौधरोपण का प्रस्ताव वन विभाग को भेजा था। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने प्रस्ताव को शर्ते लगाकर मना कर दिया था। अब जब वृहद स्तर पर पौधरोपण के निर्देश शासन ने वन विभाग को दिए तो अधिकारियों ने रक्षा संपदा विभाग के भेजे पत्र पर जमी धूल साफ करने के बाद बगैर शर्त पौधरोपण के लिए हामी भर दी है। साथ ही, सेना की खाली पड़ी जमीनों पर पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदने का काम भी शुरू कर दिया है। क्या है पूरा माजरा, पढि़ए

50 एकड़ में 22 हजार पौधे

सेना की ओर से कब्जामुक्त कराई गई जमीनों में से करीब 50 एकड़ जमीन पर वन विभाग ने पौधरोपण के लिए हामी भरी है। करीब 22 हजार से अधिक पौधे यहां लगाए जाएंगे। इसमें कैंटोनमेंट एरिया स्थित गोकुल नगरी, गिरिजाघर और ध्यानचंद स्टेडियम के पास पौधरोपण होगा। गोकुल नगरी की ओर स्थित संतमणि जाने वाले मार्ग के दोनों ओर विशाल वन क्षेत्र बनाने की योजना वन विभाग ने बनाई है। लेकिन इससे पहले संबंधित जगहों की सॉयल टेस्टिंग होगी। जिसके मुताबिक पौधों का चयन किया जाएगा। वही पौधे यहां लगाए जाएंगे जो मिट्टी के मुताबिक पनपने और बढ़ने योग्य होंगे। बता दें कि लक्ष्य के सापेक्ष पौधरोपण करने के लिए वन विभाग बैकफुट पर आया है।

सितंबर में दिया गया था प्रस्ताव

रक्षा संपदा विभाग ने लास्ट ईयर करीब 2 सौ एकड़ जमीन जिले के कई इलाकों से कब्जामुक्त कराई थी। कब्जामुक्त कराए जाने के बाद जमीन पर कहीं फिर से कब्जा न शुरू हो जाए इससे बचने के लिए वहां वृहद स्तर पर पौधरोपण की योजना बनाई गई। करीब एक लाख से ज्यादा पौधे लगाने का प्रपोजल तैयार हुआ था। जिसके लिए सेना ने वन विभाग से सहयोग मांगा तो तत्कालीन डीएफओ ने च्च्चाधिकारियों से बात कर पौधे लगाने का वादा किया था। जिसके बाद उन्होंने पौधों को पेड़ बनने पर मालिकाना हक वन विभाग का होने की शर्त रखी थी। जिसकी वजह से धरा पर पौधों की हरियाली से श्रंगार नहीं हो सका था।

25 प्रकार के लेगेंगे पौधे

डीएफओ ने बताया कि कैंटोनमेंट एरिया की जमीन हर तरह के पौधे के लिए उपयुक्त है। यहां करीब 20 से 25 विभिन्न पौधों की प्रजातियों को लगाया जाएगा। इसमें शीशम, गूलर, आम, पीपल, बरगद, जामुन, नीम, पाकड़, कटहल, बेल, सेमल, सागौन, कैथा, आंवला, इमली, शहतूत, कदम्ब, लीची, अशोक, अमरूद, रबड व अन्य प्रकार के पौधे लगेंगे। बताया कि पौधों को लगाने जाने के बाद कंटीले तारों से समूचे एरिया की हदबंदी की जाएगी। ताकि पौधों को कोई नुकसान न हो सके। वहीं, पौधों के पेड़ बनने के बाद उत्पादित फलों का रक्षा संपदा अधिकारी के आदेशानुसार उपयोग किया जाएगा।

कब्जा मुक्त कराई गई सेना की जमीन पर वन विभाग पौधे लगाने को बगैर शर्त राजी हो गया है। जमीनों पर पौधरोपण के लिए कार्य भी शुरू हो गया है। पौधों के बड़े होने पर उनका मालिकाना हक रक्षा संपदा विभाग का ही रहेगा।

प्रमोद कुमार सिंह, रक्षा संपदा अधिकारी

रक्षा संपदा ने गोकुल नगरी, गिरिजाघर, ध्यानचंद्र स्टेडियम के पास खाली पड़ी जमीन पर पौधरोपण के लिए जमीन दी है। जिस पर करीब 22 हजार पौधे लगाए जाने के लिए गड्ढा खुदान लगभग पूरा हो चुका है। जल्द ही पौधे लगाने का काम शुरू किया जाएगा।

भरत लाल, डीएफओ