- एरियल सर्वे के बाद माइक्रो प्लान हुआ फाइनल

- ड्रोन और हेलीकॉप्टर के जरिए किया गया था एरियल सर्वे

- इको टास्क फोर्स करेगी नदी के दोनों ओर प्लांटेशन

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- वाटर रिचार्ज करने में ग्रीनरी की होगी अहम भूमिका

- वाटर रिचार्ज करने में मददगार पौधों का होगा रोपण

- नदी के दोनों ओर डेवलप किया जाएगा ग्रीन जोन

- नदी के पानी को किया जाएगा चैनलाइज

- 400 हेक्टेयर एरिया में किया जाएगा प्लांटेशन

- 4 लाख पौधे रोपे जाएंगे विभिन्न प्रजातियों के

>DEHRADUN: रिस्पना नदी को हरियाली पुनर्जीवित करेगी। इसके लिए इको टास्क फोर्स द्वारा रिस्पना रिवर के दोनों ओर चार लाख पौधे लगाए जाएंगे। बाकायदा इसके लिए टास्क फोर्स द्वारा नदी का एरियल सर्वे करने के बाद माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया है।

400 हेक्टेयर में प्लांटेशन

रिवाइवल रिवर रिस्पना प्रोजेक्ट के तहत इको टास्क फोर्स को रिस्पना नदी के दोनों ओर ग्रीन जोन डेवलप करने की जिम्मेदारी दी गई है। रिस्पना में कहां किस तरह का प्लांटेशन किया जाना है इसके लिए टास्क फोर्स द्वारा ड्रोन के जरिए नदी का एरियल सर्वे कराया गया था। इसके बाद प्लांटेशन को लेकर माइक्रो प्लान फाइनल किया गया। माइक्रो प्लान में तय किया गया है कि नदी के दोनों ओर करीब 4 लाख पौधे रोपे जाएंगे जिनसे एक दिन जंगल डेवलप होगा। ग्रीनरी के कारण रिस्पना में वाटर रिचार्ज होगा। बताया गया कि 25 किलोमीटर के दायरे में 400 हेक्टेअर क्षेत्र में प्लांटेशन किया जाएगा।

सीवर ड्रेनेज होगा बंद

सेना के इको टास्क फोर्स के कमांड अधिकारी कर्नल एचएसएस राणा के मुताबिक रिस्पना के एरियल सर्वे में जनवरी में ड्रोन की मदद से सर्वे का काम पूरा हुआ। इसके बाद फरवरी फ‌र्स्ट वीक में आर्मी कमांडर की मदद से हेलीकॉप्टर प्रोवाइड किया गया ताकि बेहतर एरियल सर्वे का काम पूरा हो सके। हेलीकॉप्टर के जरिए सर्वे किया गया, जिसमें पाया गया कि 25 किमी रिस्पना के दायरे में तमाम गंदगी का आलम है। आसमान से नदी के किनारे पर सफेद झाग नजर आ रहा है। कहीं नदी चौड़ी नजर आ रही है तो कहीं अतिक्रमण से सिकुड़ गई है। कर्नल एचएसएस राणा ने दावा किया कि जब तक सीवरेज बंद नहीं होगा, तब तक रिस्पना साफ नहीं हो सकती है।

बिंदाल भी की जाएगी साफ

इको टास्क फोर्स का कहना है कि पूरे प्रोजेक्ट को अस्तित्व में आने में तीन से पांच साल लगने की संभावना है। जबकि रिस्पना को साफ रखने के लिए बिंदाल का भी साफ होना जरूरी है। बताया गया जा रहा है रिस्पना में पानी का फ्लो को बनाए रखने के लिए सिंचाई विभाग को रिस्पना के बिखरे हुए पानी को चैनलाइज करने के आदेश भी प्रमुख सचिव सिंचाई की तरफ से दिए गए हैं।

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टास्क फोर्स की अहम जिम्मेदारी

1982 में इको टास्क फोर्स (गढ़वाल राइफल्सस) का गठन हुआ था। मसूरी में पहाड़ों से हरियाली गायब होने के बाद टास्क फोर्स ने 1984 तक 60 लाख पौधे लगाए थे। इसके बाद मसूरी की पहाड़ों पर हरियाली लौट आई थी। अब टास्क फोर्स इसी कवायद को दोबारा रिस्पना को जीवन देने के लिए दोहराएगी।