::आई एक्सक्लूसिव:::

-आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से उठाया था मुद्दा

-अब केंद्रीय खेल मंत्रालय ने रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाडि़यों को भेजे पत्र

-आईओए के महासचिव उत्तराखंड निवासी, रियो ओलंपिक में दो रेडियोलोजिस्ट ले जाने पर भी उठे थे सवाल

देहरादून,

खेलों में खेल करने वाले खेल संघों के पदाधिकारियों की एक पत्र ने नींद उड़ा दी है। ये पत्र खेल मंत्रालय ने उन खिलाडि़यों को लिखा है जो रियो ओलंपिक में हिस्सा लेने गए थे। यहां खास बात ये है कि उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन की शिकायत खेल मंत्रालय से लेकर पीएमओ तक की गई थी। बताया गया है कि इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद खेल मंत्रालय ने ये फैसला लिया। उसने खिलाडि़यों को व्यक्तिगत तौर पर पत्र लिखा है और उनसे पूरा फीडबैक मांगा है। हालांकि इसके पीछे ये बताया गया है कि ये पत्र रियो ओलंपिक में खिलाडि़यों के प्रदर्शन की समीक्षा के लिए लिखे गए हैं, लेकिन अंदरखाने कहानी दूसरी है।

रेडियोलॉजिस्ट ले जाने की शिकायत पहुंची थी पीएमओ

रियो ओलंपिक के दौरान ये मामला सामने आया था कि खिलाडि़यों के साथ जो डाक्टर गए थे, उनमें दो रेडियोलॉजिस्ट शामिल थे। ये मामला आई नेक्स्ट ने प्रमुखता से उठाया था। हालांकि ये भी बताया गया ओलंपिक के दौरान गए डाक्टरों में से एक का अनुभव साउथ एशियन गेम्स का रहा है। लेकिन रियो ओलंपिक के इस मामले की लिखित शिकायत कुछ संगठनों ने पीएमओ से लेकर खेल मंत्रालय तक की। इसमें देहरादून से देहरादून फुटबाल डाट कॉम भी शामिल है। बताया जा रहा है कि इसी शिकायत के बाद अब केंद्रीय युवा खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभारर) विजय गोयल ने इसकी तह तक जाने का फैसला किया है। जो पत्र मंत्रालय की तरफ से लिखा गया है उसमें खिलाडि़यों से उम्मीद जताई है कि वे अपने सुझाव व प्रतिक्रियाएं दे सकते हैं। केंद्रीय खेल मंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें उम्मीद है कि खिलाड़ी गड़बडि़यों और दूसरी चीजों को लेकर ज्यादा जानकारी देंगे।

कॉमनवेल्थ गेम्स में भी उठे थे सवाल

इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन के महासचिव मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। इससे पहले वे उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे हैं। लेकिन आईओए के जीएस बनने के बाद 2014 में स्कॉटलैंड में आयोजित हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में उन पर अपने करीबियों को आयोजन में ले जाने के आरोप लगे। अब रियो ओलंपिक के दौरान आईओए पर सवाल उठे कि खिलाडि़यों के साथ दो रेडियोलॉजिस्ट ले जाए गए जबकि फिजियोथेरेपिस्ट ले जाने चाहिए थे। इसी को देखते हुए देहरादून से देहरादून फुटबाल डाट काम ने पीएमओ ऑफिस को एंटी नेशनल एक्टिविटी मानते हुए शिकायत की। अब जो पत्र खेल मंत्रालय ने भेजा है, उससे खेल संघों व आईओए में भी हड़कंप मचा हुआ है। उन्हें डर है कि कहीं खिलाड़ी उनकी पोल पट्टी न खोल दें।

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आईओए को भी लिखा है पत्र

केंद्रीय खेल मंत्री ने आईओएए(इंडियन ओलंपिक संघा)को भी पत्र लिखकर रियो ओलंपिक का फीडबैक मांगा है। यह भी कहा गया है कि ऐसी ही प्रतिक्रिया राष्ट्रीय खेल महासंघों(एनएसएफ)से भी मांगी जाएगी। हालांकि इसके पीछे उन्होंने भारत के प्रदर्शन का विश्लेषण करना व भविष्य में सुधार लाना बताया है।

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केंद्रीय खेल मंत्री दौरा करेंगे

खेल मंत्रालय के मुताबिक खेल मंत्री खिलाडि़यों के प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध सुविधाओं और सुधार की आवश्यकताओं का प्रत्यक्ष रूप से जायजा लेने के लिए देश की कुछ प्रमुख अकादमियों व साई केंद्रों का भी दौरा करेंगे।