- एक साथ कैश ना मिल पाने से खिलाडि़यों को कैसे बंटेगा ईनाम

- खिलाडि़यों के साथ उनके अभिभावकों का खाता नहीं खुला है बैंक में

LUCKNOW:

नोटबंदी के चक्कर में खिलाडि़यों की प्राइजमनी फंसती नजर आ रही है। 28वीं ऑल इंडिया केडी सिंह बाबू मेमोरियल के विजेताओं को मिलने वाली धनराशि खिलाडि़यों को कैसे मिलेगी, इसकी रणनीति बनाए जाने की तैयारी चल रही है। लेकिन आयोजकों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर यह रकम खिलाडि़यों तक कैसे पहुंचेगी। लाख जतन करने के बाद भी उन्हें कोई उपाय नहीं सूझ रहा है।

दो जनवरी से खेली जाएगी प्रतियोगिता

28वीं ऑल इंडिया केडी सिंह बाबू मेमोरियल हॉकी टूर्नामेंट (अंडर-14 ब्वायज) अगले महीने दो से आठ जनवरी तक खेला जाएगा। इस टूर्नामेंट में देश भर की एक दर्जन से अधिक टीमें हिस्सा लेंगी। इस प्रतियोगिता में विजेता टीम के प्रति खिलाडि़यों को दस से बारह हजार रुपए तक कैश प्राइज दिया जाता है। दो लाख रुपए की ईनामी राशि वाली इस प्रतियोगिता में खिलाडि़यों को धनराशि कैसे दी जाएगी। इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ी 14 साल से कम आयु वर्ग के हैं। ऐसे में इन खिलाडि़यों के पास बैंक खाता भी नहीं है।

नहीं है बैंक अकाउंट

आयोजकों ने बताया कि हॉकी में हिस्सा लेने वाले अधिकांश बच्चों के माली हालत बहुत अच्छी नहीं है। हॉकी खेलने वाले अधिकांश बच्चों के अभिभावक टैम्पो ड्राइवर, मैकेनिक, मजदूर या फिर ठेला लगाने वाले हैं। ऐसे में उनका भी किसी बैंक में एकाउंट नहीं है। कैश होने पर जो टीम जीत जाती थी, उसे कैश प्राइज दे दिया जाता था। फिर मुकाबला खत्म होने से पहले यह भी तो नहीं पता लग पाता है कि आखिर कौन सी टीम जीतेगी, जिसके नाम से चेक बनवा लिया जाए। बाहरी टीम आकर एक बार वापस लौट जाती है तो उनके खिलाड़ी दोबारा धनराशि के लिए वापस नहीं पहुंच पाते हैं। कई बार प्रतियोगिता के बाद ईनामी धनराशि जब उनके प्रशिक्षकों को सौंपी गई तो वह खिलाडि़यों तक नहीं पहुंची। ऐसे में प्रतियोगिता खत्म होने के बाद तुरंत धनराशि वितरित कर दी जाती है। लेकिन इस बार नकद धनराशि की व्यवस्था नो होने के कारण यह दिक्कतें सामने आ रही हैं।

कोट

खिलाडि़यों को पुरस्कृत किए जाने की तैयारी चल रही है। बैंक के नए नियमों के चलते इतनी बड़ी धनराशि एक साथ मिलने में दिक्कत आ रही है। चेक से पेमेंट में भी प्रॉब्लम हो रही है। खिलाडि़यों के तो एकाउंट है नहीं और उनके अभिभावक भी अधिकांश ऐसे हैं जिनका कोई बैंक खाता तक नहीं है.कैश होने पर आसानी से धनराशि वितरित कर दी जाती है।

- सै। अली, तकनीकी सचिव

केडी सिंह बाबू मेमोरियल हॉकी प्रतियोगिता