स्वास्थ्य वर्तमान समय में ठीक नहीं
अटल बिहारी बाजपेयी को आज दिल्ली में कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर ही यह सम्मान दिया गया क्योंकि देश के पूर्व पीएम का स्वास्थ्य वर्तमान समय में ठीक नहीं हैं. वह इधर काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे हैं. इसके लिये उनके आवास पर भी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं. बताते चलें कि वाजपेयी और प्रसिद्ध शिक्षाविद एवं स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने की घोषणा 24 दिसम्बर को की गई थी. वाजपेयी और मालवीय दोनों का जन्मदिन 25 दिसंबर है. जिससे आज वह घड़ी आ गयी है जब उन्हें भारत रत्न सम्मान मिलेगा. वहीं मालवीय जी के परिवार को 30 मार्च को सम्मानित किया जायेगा. जिससे अब भारत रत्न पाने वाली हस्ितयों में इन हस्ितयां 45वीं या 46वीं हस्ती के रूप में उभरी है.
विकास को एक नई दिशा प्रदान
ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को जन्मे वाजपेयी ने अपना जीवन देश के लिये समर्पित कर दिया. वह पहले जनसंघ फिर बीजेपी के संस्थापक अध्यक्ष रहे. दिलचस्प बात यह भी कि तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी के समय देश की आर्थिक विकास दर तेज रही. उन्होंने देश के विकास को लेकर एक नई दिशा प्रदान की. इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरे से जुड़े होने के बावजूद वाजपेयी एक धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी राजनेता के रूप में पहचाने गए. उनकी लोकप्रियता भी किसी एक सीमा में बंध कर नहीं रही. करिश्माई नेता, ओजस्वी वक्ता और प्रखर कवि के रूप में प्रख्यात वाजपेयी को उस समय एक साहसी नेता के रूप में उभरे थे जब प्रधानमंत्री के रूप में उनकी 1999 की ऐतिहासिक लाहौर बस यात्रा आयोजित हुई थी. वही दौर था जब उन्होंने पाकिस्तान जाकर उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए.
स्वास्थ्य वर्तमान समय में ठीक नहीं
अटल बिहारी बाजपेयी को आज दिल्ली में कृष्ण मेनन मार्ग स्थित उनके आवास पर ही यह सम्मान दिया जाएगा, क्योंकि देश के पूर्व पीएम का स्वास्थ्य वर्तमान समय में ठीक नहीं हैं.वह इधर काफी लम्बे समय से बीमार चल रहे हैं. इसके लिये उनके आवास पर भी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. बताते चलें कि वाजपेयी और प्रसिद्ध शिक्षाविद एवं स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने की घोषणा 24 दिसम्बर को की गई थी. वाजपेयी और मालवीय दोनों का जन्मदिन 25 दिसंबर है. जिससे आज वह घड़ी आ गयी है जब उन्हें भारत रत्न सम्मान मिलेगा. वहीं मालवीय जी के परिवार को 30 मार्च को सम्मानित किया जायेगा. जिससे अब भारत रत्न पाने वाली हस्ितयों में इन हस्ितयां 45वीं या 46वीं हस्ती के रूप में उभरी है.
विकास को एक नई दिशा प्रदान
बताते चलें कि ग्वालियर में 25 दिसंबर 1924 को जन्मे वाजपेयी ने अपना जीवन देश के लिये समर्पित कर दिया. वह पहले जनसंघ फिर बीजेपी के संस्थापक अध्यक्ष रहे. दिलचस्प बात यह भी कि तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी के समय देश की आर्थिक विकास दर तेज रही. उन्होंने देश के विकास को लेकर एक नई दिशा प्रदान की. इतना ही नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरे से जुड़े होने के बावजूद वाजपेयी एक धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी राजनेता के रूप में पहचाने गए. उनकी लोकप्रियता भी किसी एक सीमा में बंध कर नहीं रही. करिश्माई नेता, ओजस्वी वक्ता और प्रखर कवि के रूप में प्रख्यात वाजपेयी को उस समय एक साहसी नेता के रूप में उभरे थे जब प्रधानमंत्री के रूप में उनकी 1999 की ऐतिहासिक लाहौर बस यात्रा आयोजित हुई थी. वही दौर था जब उन्होंने पाकिस्तान जाकर उन्होंने वहां के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ लाहौर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए.Hindi News from India News Desk
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