मुकदमों को जल्दी निपटाये

नेताओं के अगेंस्ट दर्ज क्रिमिनल मुकदमों पर फैसले में होने वाली देरी पर पीएम मोदी ने चिंता जताई है. नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा कि वह एक खाका तैयार करें जिससे यह तय हो कि इन मुकदमों की सुनवाई और उन पर फैसले को किस तरह तेज बनाया जाये. मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रसाद से कहा कि वे मिलकर काम करें और आने वाले दिनों में इस बाबत खाका भी तैयार करें. स्वच्छ राजनीति की दिशा में कदम बढ़ाते हुये पीएम मोदी ने गुरूवार को राजनाथ सिंह और रविशंकर प्रसाद से राजनेताओं के अगेंस्ट क्रिमिनल और अन्य अदालतों में चल रहे मामलों की सुनवाई 1 साल में खत्म करने के लिये एक तंत्र बनाने पर काम करने को कहा.

विधि आयोग ने दी रिपोर्ट

मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान अपने चुनावी भाषणों और साक्षात्कारों में जोर देकर कहा था कि नेताओं के अगेंस्ट दर्ज क्रिमिनल मुकदमों की सुनवाई तेज किये जाने की जरूरत है. कानून मंत्रालय पहले ही इससे जुड़े खाके पर काम करना शुरू कर चुका है और एक विकल्प यह है कि मार्च महीने में सुप्रीम कोर्ट को दी गई विधि आयोग की सिफारिशों पर अमल किया जाये. विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मौजूदा सांसदों या विधायकों के अगेंस्ट यदि आरोप तय किये जा चुके हैं, तो उनके मामलों के ट्रायल में तेजी लाकर मुकदमें का निपटारा 1 साल के भीतर करना चाहिये. यदि 1 साल के अंदर ट्रायल पूरा न हो तो सांसद या विधायक को 1 साल की अवधि पूरी होने पर अयोग्य घोषित कर दिया जाये.

मोदी के चुनावी एजेंडे

हालांकि, नागरिक समाज का कहना है कि सरकार सिर्फ नेताओं के अगेंस्ट मुकदमों पर ध्यान न देकर यह भी सुनिश्चित करे कि रेप और बच्चों के अगेंस्ट अपराध से जुड़े मुकदमों में भी जल्द से जल्द फैसला हो. चुनाव अभियान के दौरान मोदी ने सत्ता में आने पर करेप्शन को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करने की नीति पर चलने का संकल्प जताया था. मीडिया को दिये गये एक इंटरव्यू में भी उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट से ऐसे मामलों की शीघ्र सुनवाई करने के लिये अनुरोध किया जाये.

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