विनायक दामोदर सावरकर को श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में कहा की वे वीर सावरकर को उनकी जयंती पर नमन करते हैं. उन्होंने वीर सावरकर के अदम्य उत्साह और भारत के इतिहास में अमूल्य योगदान का स्मरण करते हुए एक आदर्श बताया. मोदी ने कहा कि देश के प्रति अमर प्रेम ने वीर सावरकर को मातृभूमि के साथ हो रहे अन्याय के विरूद्ध लडऩे की प्रेरणा दी.

प्रधानमंत्री ने सावरकर के बलिदान को सलाम करते हुए बताया कि उन्होंने कई अन्य लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया और सामाजिक सुधारों पर बल दिया. प्रधानमंत्री ने बताया कि लोगों में देशभक्ति की भावना जागृत करने लिए सावरकर ने कई लेख और कविताएं लिखीं.

कौन थे सावरकर

विनायक दामोदर सावरकर महराष्ट्र के नासिक जिले के भागुर नाम के स्थान पर 28 मई 1883 को जन्मे थे. वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के अग्रिम पंक्ति के सेनानी और प्रखर राष्ट्रवादी नेता थे. उन्हें वीर सावरकर के नाम से सम्बोधित किया जाता है. हिन्दू राष्ट्र की राजनीतिक विचारधारा हिन्दुत्व को विकसित करने का बहुत बडा श्रेय सावरकर को जाता है. वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक सेनानी थे बल्कि महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे. वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को प्रामाणिक ढंग से लिखा है. उन्होंने 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का सनसनीखेज व खोजपूर्ण इतिहास लिखकर तत्कालीन ब्रिटिश शासन को परेशान कर दिया था. 26 फ़रवरी 1966 वीर सावरकर का देहांत हो गया. सावरकर पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने भी बड़ी ओजस्वी कविता लिखी है "सावरकर तप हैं".

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk