सरकार सुनती है लोगों की बात

लंदन (प्रेट्र)। मोदी ने कहा कि लोग जानते हैं कि वे जो भी कहते हैं यह सरकार उनकी बात सुनती है और काम करती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे इस लक्ष्य के साथ पैदा नहीं हुए हैं कि उन्हें इतिहास में दर्ज होना है। इस प्रश्नोत्तरी की व्यवस्था केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी संभाल रहे थे। अपने दो घंटे से ज्यादा के संवाद में उन्होंने अपने निंदकों को झिड़कते हुए कहा कि उनकी समस्या आलोचना के खिलाफ नहीं है। आलोचना के लिए किसी को भी शोध और सही तथ्यों की जरूरत पड़ती है। दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आजकल ऐसा कुछ नहीं होता। ऐसे ही आरोप लगा देना क्या सही है?

होनी चाहिए सरकार की आलोचना

पीएम ने कहा कि वे चाहते हैं कि सरकार की आलोचना की जाए। आलोचना से लोकतंत्र मजबूत होता है। कोई भी लोकतंत्र इसके बगैर सफल नहीं हो सकता। इससे पहले की सरकार एक परिवार के इर्द-गिर्द केंद्रित थी। लेकिन लोकतंत्र में जनता ने दिखा दिया कि एक चाय बेचने वाला उनका प्रतिनिधि बन सकता है और राजसी महल में हाथ मिला सकता है। मोदी ने कहा कि तब और अब में बहुत बड़ा अंतर है। जब नीति साफ है, मंशा साफ है और इरादे नेक हैं तब जाकर आप निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे। एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि उतावलापन कोई बुरी चीज नहीं है। एक साइकिल से चलने वाला व्यक्ति स्कूटर चाहता है। इसी तरह स्कूटर चलाने वाला कार का मालिक बनना चाहता है। ऐसी उम्मीद स्वाभाविक है। और भारत के लोगों की उम्मीदें बढ़ रही हैं।

'चलता है' अब नहीं चलता, काम चाहिए

पहले लोगों ने 'चलता है' का रवैया अपना लिया था लेकिन अब लोगों की उम्मीदें हमारी सरकार से बढ़ी हैं। मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान के 125 करोड़ लोगों उत्साहित हैं, उम्मीदों से भरे हैं और आशावान हैं। मोदी ने कहा कि वे इस बात का दावा कर सकते हैं कि पिछली सरकार की तुलना में इस सरकार में एक पत्थर भी नहीं बचा होगा जिसके उत्थान के लिए भरसक प्रयत्न न किया गया हो। आप सबों ने देखा होगा कि आपके पासपोर्ट की ताकत बढ़ी है। आपको लोग सम्मान के साथ देखते हैं। मोदी ने कहा कि भारत अब भी वहीं है लेकिन हम सब अंतर देख सकते हैं। भारतीयों ने यह सब किया है और अब लोग भारत की ताकत को जानते हैं। वे अपने पूर्व की सरकारों की तुलना में वर्तमान सरकार की उपलब्धियों पर बात कर रहे थे।

इजराइल और फलीस्तीन जाने वाले पहले

पूर्व सरकारों की नीति तोड़कर किसी भारतीय पीएम के यहूदी राष्ट्र इजराइल दौरे संबंधी सवाल पर मोदी ने कहा कि वे इस बात को स्वीकारते हैं कि वे इजराइल गए और फलीस्तीन भी गए। उन्होंने कहा कि वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिसने इजराइल और फलीस्तीन दोनों देशों में अलग-अलग दौरा किया। भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए सऊदी अरब और ईरान दोनों देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं। जबकि दोनों राष्ट्र खाड़ी में एकदूसरे के विरोधी हैं।

पाकिस्तान को चेतावनी, देंगे जवाब

मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि भारत आतंक का निर्यात करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा। 2016 में एलओसी पार करके भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक का हवाला देते हुए कहा कि हम उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब देंगे, जो उन्हें अच्छी तरह समझ आएगी। मोदी ने कहा कि हम शांति में विश्वास करते हैं। लेकिन कोई आतंकियों को भेजकर हमारे पीठ में छुरा भोंकेगा तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। आतंकवाद किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। महात्मा गांधी को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीजी ने बहुत अलग काम किया और उन्होंने आजादी के आंदोलन को लोगों का आंदोलन बना दिया था।

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