--PM के दो घंटे के प्रोग्राम के लिए तैयारियों पर 18 करोड़ रुपये हुए खर्च

-इन पैसों से मिल जाता काफी संख्या में गरीबों को घर और बच्चों को मिड-डे मील

Varanasi (25 Oct)

सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर आए थे। वे यहां लगभग दो घंटे रुके। इस प्रोग्राम के लिए कुल क्8 करोड़ रुपये खर्च हो गए। एक उच्च पदस्थ सूत्र ने बताया कि इन तैयारियों के लिए अलग-अलग विभागों ने मिलकर पैसा दिया था, जिसमें लायन शेयर गैस अथॉरिटी इंडिया लिमिटेड ने भी दिया था। पीएम ने इस दौरान करीब करोड़ों रुपये की सौगात बनारस को दी। उम्मीद जताई जा रही है कि इन परियोजनाओं से आने वाले समय में बनारस सहित पूर्वाचल के कई जिलों की तस्वीर बदल जाएगी। यानि पीएम के प्रोग्राम के दौरान हर मिनट पर लगभग डेढ़ लाख रुपये खर्च हुए। वहीं इस खर्च पर पब्लि्क का रियेक्शन ये है कि इतने रुपयों से कितने गरीबों को घर मिल सकता था, प्राइमरी स्कूल्स में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मिल की व्यवस्था हो सकती थी।

मिल सकती थीं ये सुविधाएं

बनारस में पीएम के हाथों शुभारंभ हुए इन योजनाओं पर करोड़ों का खर्च होगा। वहीं लोगों का मानना है कि इतने पैसों से बनारस के फ्म्0 गरीबों को घर मिल सकता था। इसी पैसे को अगर पीएम के स्वच्छता मिशन में लगाया जाता तो क्8 हजार टॉयलेट्स बनाये जा सकते थे। सरकार एक टॉयलेट के निर्माण के लिए क्0 हजार रुपए सैंक्शन करती है। इसी पैसे को अगर बिजली सप्लाई में लगाया जाता तो लगभग भ्00 गरीबों की कुटिया रौशन हो सकती थी। इसी पैसे से प्राइमरी स्कूल्स में पढ़ने वाले लगभग दो करोड़ बच्चों में छह हफ्ते के लिए फलों का वितरण किया जा सकता था। इसी तरह अगर यह पैसे बच्चों के नाम पर खर्च किये जाते तो म्0 लाख बच्चों में दो दिनों के लिए मिड डे मील बांटा जा सकता था।

क्या रहीं तैयारियां और खर्च

पीएम के प्रोग्राम के लिए जो तैयारियां हुई थीं उनमें बड़ा खर्च प्रोग्राम के लिए बने स्टेज और पंडाल पर आया। पीएम के पिछले कुछ दौरों के बारिश के चलते रद्द होने के कारण अब उनके सभी प्रोग्राम में जर्मन हेंगर का पंडाल बनाया जाता है। साथ ही उनके और अन्य गेस्ट्स के लिए स्विस कॉटेज बनाए जाते हैं। इस बार सीएम अखिलेश, गवर्नर राम नाईक सहित केंद्रीय मंत्रियों के लिए पांच स्विस कॉटेज बनाए गए थे। जर्मन हेंगर और पांच स्विस कॉटेज पर ही अकेले नौ से दस करोड़ रुपए का खर्च आया। इसके अलावा स्टेज पर क्00 टन का एसी लगा था जिसे विशेष तौर पर दिल्ली से मंगाया गया था। प्रोग्राम वेन्यू पर और उसके ख्0 एलईडी स्क्रीन्स लगाई गई थीं। एक एलईडी स्क्रीन का खर्च ख्0 हजार रुपए पर डे आता है। इसके अलावा क्0 एलईडी वैन्स को ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट की पब्लिसिटी के लिए लगाया गया जिनका रोज का खर्च लगभग पांच लाख रुपये आता है। और पीएम के वाराणसी आने और यहां से जाने तक में किए गए सिक्योरिटी अरेंजमेंट में ही लगभग ब् करोड़ रुपयों का खर्च बैठा। तैयारियों में लगे लोगों के खाने पीने का खर्च भीएक करोड़ रुपए आया। इन सभी खर्चो के अलावा खुद बीजेपी ने पीएम के दौरे को सफल बनाने के लिए पार्टी फंड से लगभग एक करोड़ रुपए खर्च किए।

कहां कितना हुआ खर्च

- जर्मन हेंगर और स्विस कॉटेज - लगभग क्0 करोड़ रुपए लगभग

- सिक्योरिटी- चार करोड़ रुपये

-बीजेपी के कार्यकर्ताओं को लाने ले जाने और प्रचार पर - क् करोड़ रुपए

-स्टेज डेकोरेशन, एलईडी स्क्रीन्स, एलईडी वैन्स, जेनसेट, स्टेज बैकड्रॉप, साउंड, इलेक्ट्रिसिटी, खाना-पीना, सर्विलांस कैमरा, ट्रांसपोर्टेशन- चार करोड़ रुपये