-हर धमाके के बाद टूटती है पुलिस-प्रशासन की नींद, कुछ दिनों की जांच के बाद हो जाती है शांति

-न फैक्ट्री की सुरक्षा का कोई पैमाना और न ही कारीगरों के प्रशिक्षण को जांचने का कोई तरीका

LUCKNOW: सिसेंडी में पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में अब तक नौ लोगों की जान जा चुकी है। हादसे के बाद से प्रशासन और पुलिस जिले की पटाखा फैक्ट्रियों, गोदामों और थोक व फुटकर विक्रेताओं पर सर्वे और तमाम तरह की बंदिशों का ऐलान कर रहा है। पर, यह ऐलान कोई नया नहीं। जानने वाले जानते हैं कि हर हादसे के बाद हरकत में आने वाला प्रशासन कुछ इसी तरह के 'सख्त' कदम उठाने की घोषणा करता है। जिसके बाद लगता है कि अब प्रशासन इस ओर जरूर ध्यान देगा लेकिन, जब अगला हादसा होता है तो पता चलता है कि पिछली घोषणा तो महज घोषणा ही थी।

न सुरक्षा का पैमाना और न ही प्रशिक्षण जांचने का तरीका

असंगठित पटाखा उद्योग न सिर्फ इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले कारीगरों की जान पर भारी पड़ रहा है, बल्कि इन फैक्ट्रियों के आसपास रहने वाले लोगों के लिये भी दहशत का पर्याय बन चुका है। जिला प्रशासन के बाबुओं की जेब गरम करने पर मिलने वाले इस मौत के लाइसेंस के लिये न तो कोई सख्त और स्पष्ट नियम हैं और न ही इन फैक्ट्रियों में काम करने वाले कर्मचारियों के प्रशिक्षण को जांचने का तरीका। यही वजह है कि नौसिखिए कारीगरों को मौत का सामान देकर पटाखा बनाने में जुटा दिया जाता है और फिर उसका नतीजा फिर से एक हादसे के रूप में सामने आता है।

कार्रवाई न होने से होते हैं हौसले बुलंद

बीते क्0 सालों में पटाखा फैक्ट्री या फिर यहां से माल लेकर जा रहे दुकानदारों के साथ करीब एक दर्जन हादसे हो चुके हैं। इन हादसों में अब तक क्9 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। पर, हर बार प्रशासन छिटपुट छापेमारी और फैक्ट्रियों को सील करने के बाद अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान लेता है। बीते दिनों रहमतनगर अमेठी में हुए हादसे में पटाखा गोदाम में विस्फोट हो गया था। प्रशासन ने इस गोदाम के साथ ही मकान के दूसरे हिस्से में स्थित गोदाम को सील कर दिया। हालांकि, कुछ दिनों बाद न सील का पता चला और नही जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का। प्रशासन की ऐसी की कार्यशैली की वजह से मौत का सामान बनाने वालों के हौसले बुलंद हैं।

हादसे दर हादसे

क्फ् अक्टूबर ख्0क्ख्- चिनहट में आतिशबाज करीब बख्श की धमाके में जान गई

ख्8 सितंबर ख्0क्ख्- पारा के बादलखेड़ा गांव में पटाखा गोदाम में भीषण आग, दो किशोरियों की मौत

क्ख् सितंबर ख्0क्ख्- मोहनलालगंज के कनकहा में एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से दो महिलाओं की मौत

क्8 जून ख्0क्ख्- पारा में घर में बने पटाखा गोदाम में विस्फोट, एक मरा

क्क् सितंबर ख्0क्क्- गोसाईगंज के रहमतनगर अमेठी में पटाखा गोदाम में विस्फोट, एक की मौत, तीन घायल

क्म् अक्टूबर ख्009- नगराम में पटाखा गोदाम में विस्फोट, एक मरा

क्7अक्टूबर ख्008- सिसेंडी से बाइक पर बोरे में पटाखा लेकर जा रहे दंपति की मल्हौर रेलवे स्टेशन के पास धमाके में दर्दनाक मौत

9 अक्टूबर ख्008- बंथरा मं दशहरा मेले के दौरान पटाखों में विस्फोट, बुजुर्ग की मौत

क्ख् अगस्त ख्007- काकोरी के मौदा गांव में पटाखों में विस्फोट, एक बच्चे की मौत

भ् सितंबर ख्00ब्-मऊ गांव में पटाखा बनाते समय आग लगने से तीन कारीगर झुलसे