- सीएम अखिलेश ने हाल में लखनऊ में किया मॉडर्न कंट्रोल रूम का इनॉगरेशन

- शुरुआत में आ रही है कई खामियां, लोकेशन ट्रेस करने में भी आ रही मुश्किलें

- एसएसपी प्रवीण कुमार और डीआईजी आरके चतुर्वेदी ने शुक्रवार को किया दौरा

LUCKNOW: लम्बे इंतजार के बाद सीएम अखिलेश यादव ने लखनऊ में मॉडर्न कंट्रोल रूम का उद्घाटन तो कर दिया, लेकिन यहां लगाये गये पुलिस कर्मियों की जानकारी के अभाव के कारण यह अभी ठीक से वर्क नहीं कर पा रहा है। हालांकि शुक्रवार को एक बार फिर एसएसपी प्रवीण कुमार और डीआईजी आरके चतुर्वेदी ने मॉडल कंट्रोल रूम का दौरा कर अब तक आ रही खामियों का जायजा लिया।

लोकेशन में आ रही प्रॉब्लम

दरअसल नये सिस्टम में कॉलर की लोकेशन उसके बताये गये पते के आधार पर दी जाती है। साथ ही गूगल मैप से पीसीआर की लोकेशन देख कर केस रिफर कर दिया जाता है। लेकिन शुरुआत में ही प्रॉब्लम लोकेशन को लेकर आ रही है। हजरतगंज में खड़ी पीसीआर की लोकेशन कालिदास मार्ग बता रही है जबकि आशियाना की कम्पलेन हजरतगंज में खड़ी पीसीआर के पास आ रही है। ऐसे में ना सिर्फ नया सिस्टम समझने में खुद पुलिस कर्मियों को परेशानी आ रही है, बल्कि इसे ऑपरेट करने में भी प्रॉब्लम आ रही है। हालांकि इस बारे में एमसीआर से जुड़े अधिकारियों का कहना था कि शुरुआत में थोड़ी प्रॉब्लम आ रही थी, उसे अब दूर कर लिया गया है।

तैनात पुलिस कर्मियों को नहीं है एरिया की जानकारी

वहीं पीसीआर वैन में जिन पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है और ड्यूटी चार्ट सौंपा गया है, उन्हें ही चार्ट पर अंकित स्थानों की ही जानकारी नहीं है। ऐसे में पीसीआर का रिस्पांस टाइम थोड़ा अधिक लग रहा है। पीसीआर पर तैनात एक सब इंस्पेक्टर ने नाम ना छापे जाने की शर्त पर बताया कि हम लोग दूसरे जिले से यहां आये हैं और एमसीआर में पोस्टिंग कर दी गयी है। हम लोगों को ना तो एरिया के बारे में जानकारी है और ना ही इस सिस्टम के बारे में डिटेल जानकारी। क्योंकि एक गाड़ी पर एक ही पुलिस कर्मी को ट्रेनिंग दी गयी है। ऐसे में शुरुआत में मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।

एक्सीडेंट के लिए मंगाई गयी दूसरी गाड़ी

गुरुवार की रात जागरण चौराहे पर एक रोड एक्सीडेंट के बाद क्00 नम्बर को सूचना दी गयी। यहां पहुंची पीसीआर ने घायल को हॉस्पिटल पहुंचाने के बजाय उसके लिए दूसरी गाड़ी बुलायी। इस प्रक्रिया के दौरान आधे घंटे से अधिक लग गये। ऐसे में मामला अगर क्रिटिकल होता तो ना सिर्फ घायल व्यक्ति की जान जा सकती थी बल्कि पीसीआर के पुलिस कर्मियों की फजीहत भी तय होती।

शुरुआत में ही मिल रहा अच्छा रिस्पांस

छोटी-मोटी खामियों के बावजूद नया सिस्टम पुलिस कर्मियों के साथ पब्लिक को भी भा रहा है। क्विक रिस्पांस टाइम में जहां कमी आयी है, वहीं लोगों को ऑन स्पॉट बेहतर पुलिस सर्विस भी मिल रही है। राजधानी में पुलिस की विजिबिल्टी ब्7 गाडि़यों के रोड पर आने से बढ़ गयी है।

नया मॉडर्न पुलिस कंट्रोल रूम अच्छा काम कर रहा है, रिस्पांस अच्छा मिल रहा है। पास या फेल का निर्णय इतनी जल्दी नहीं किया जा सकता। इस सर्विस को किसी भी हालत में फेल नहीं होने दिया जाएगा। किसी भी सर्विस के शुरू होने में थोड़ी बहुत खामियां भी रह जाती हैं, जिन्हें वक्त के साथ दूर कर लिया जाता है। ऐसे पुलिस कर्मियों को पीसीआर पर तैनात किया जाएगा जिसको एरिया के बारे में जानकारी हो।

- प्रवीण कुमार

एसएसपी, लखनऊ।