BAREILLY: सदर में लांस नायक अनिल कुमार के हत्यारोपी धु्रव चौधरी को पुलिस ने कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने उसके भाई राजेश चौधरी को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की, लेकिन कोई सबूत न मिलने और एसपीओ की राय लेने के बाद उसे छोड़ दिया गया है। पुलिस का कहना है कि विवेचना में सबूत मिलते ही उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को अज्ञात में एफआईआर दर्ज होने की वजह से ही इस तरह की प्रॉब्लम सामने आ रही हैं। वहीं दूसरी ओर पुलिस जब मौके पर नक्शा नजरी बनाने पहुंची तो यहां कोई भी दुकानदार सहयोग के लिए सामने नहीं आया। इसकी वजह साफ है कि लोगों में धु्रव चौधरी की धमकी की दहशत है।

 

झाडि़यों से बरामद किया तमंचा

बता दें कि वेडनसडे दोपहर ड्यूटी से बावर्दी लौट रहे लांस नायक की शंकर चौराहा पर दो गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या करने वाले धु्रव चौधरी ने खुद ही थाने में जाकर सरेंडर कर दिया था। अनिल की हत्या दोस्त की पत्‌नी से छेड़छाड़ का विरोध करने पर की गई थी। आरोपी धु्रव का भाई राजेश चौधरी दोस्त की पत्‌नी से छेड़छाड़ करता था। राजेश ने अनिल की पिटाई के बाद माफी मांग ली थी, लेकिन उसका भाई एक दिन पहले महिला के घर धमकाने गया था। वहां पर उसने भी समझाने के बाद माफी मांग ली थी। बावजूद इसके उसने वारदात को अंजाम दिया था। उसे रात में कोतवाली में रखा गया था। उसके बाद सुबह उसे पुलिस लेकर गई और उसकी निशानदेही पर नकटिया नदी के किनारे झाडि़यों से तमंचा बरामद कर लिया। पुलिस ने दो खोखे भी बरामद किए हैं। उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया।


हिरासत में लेने के बाद छोड़ा

पुलिस ने धु्रव के भाई राजेश चौधरी को भी पकड़ लिया। पुलिस ने जब एफआईआर देखी तो उसमें राजेश का नाम नहीं था। धु्रव ने भी अपने बयानों में ऐसा कोई बयान नहीं दिया था, जिसमें उसके भाई का नाम आया हो। पुलिस ने अनिल के फौजी दोस्त और उसकी पत्‌नी के भी बयान लिए थे, लेकिन उनमें राजेश के द्वारा छेड़छाड़ की बात कही गई लेकिन बयानों के आधार पर हत्या में उसका कोई रोल नहीं आ रहा था। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर और बयानों के आधार पर एसपीओ की राय ली तो राजेश के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। पुलिस का कहना है कि यदि अनिल के दोस्त या उनकी पत्‌नी की तरफ से कोई छेड़छाड़ की एफआईआर दर्ज कराई जाएगी तो कार्रवाई की जाएगी। उसके खिलाफ सार्वजनिक प्लेस पर अश्लील हरकतें करने के तहत भी एफआईआर दर्ज की जा सकती है।


पुलिस को नहीं दे रहा कोई बयान

जिस तरह से शंकर चौराहा के पास के दुकानदारों ने गोली लगने के बाद पुलिस को सूचना नहीं दी, जिसकी वजह से फौजी की मौत हो गई। उसके बाद अब पुलिस की जांच में लोग सहयोग नहीं कर रहे हैं, जबकि कई लोगों के सामने वारदात को अंजाम दिया गया। जब पुलिस मौके पर नक्शा बनाने के लिए मौके पर पहुंची तो किसी ने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया। इससे साफ है कि लोगों में पुलिस की पूछताछ का डर है, कि कहीं पुलिस उनके बयान को आधार न बना ले। उनमें धु्रव चौधरी का भी डर है, क्योंकि उसने खुलेआम तमंचा लहराकर पुलिस को कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी।