आगरा। करोड़ों का लोन अब आसानी से मिलेगा, वो भी आकर्षित ब्याज दरों पर। इसके लिए अधिक डॉक्युमेंट्स की भी जरूरत नहीं होगी। कुछ इसी तरह का विज्ञापन देकर शातिर जरूरतमंदों को फंसाते थे। इसके बाद लोन के नाम पर ठगी करने का पूरा प्रोसेस भी हाईटेक था। विज्ञापन में दिए नंबर पर फोन करने पर व्हाट्सएप पर कागजात मंगाए जाते थे। बाद में सिटी में कहीं भी बुलाकर फर्जी डीडी थमा दिया जाता था। गैंग ने हल्द्वानी की महिला से सात लाख रुपये लोन दिलाने की एवज में हड़प लिए थे। एएसपी श्लोक कुमार ने शनिवार को थाना हरीपर्वत में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गैंग का पर्दाफाश किया।

छह महीने पहले पढ़ा विज्ञापन

राजेंद्र नगर हल्द्वानी निवासी मुन्नी देवी पत्नी पंकज कुमार भगवती सेवा भाव समिति चलाती है। संस्था महिलाओं के लिए कुटिर उद्योग का काम करती है। मुन्नी देवी ने छह महीने पहले सस्ते लोन का विज्ञापन पढ़ा। दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया, तो उसे कंपनी अलीगढ़ की बताई गई। मुन्नी देवी ने एक करोड़ का लोन लेने की बात कही। शातिरों ने व्हाट्सअप पर डॉक्युमेंट्स मंगवा लिए।

सात लाख रुपये जमा कराए

10 प्रतिशत में लोन तय हो गया। शातिरों ने मुन्नी देवी से लोन कराने की एवज में अपने एकाउंट में सात लाख रुपये जमा करा लिए। इसके बाद कई दिन बीत गए। मुन्नी देवी ने कॉल किया, तो वह तीन लाख रुपये और जमा कराने की बात करने लगे। मुन्नी देवी एक हफ्ते पहले आगरा आई। शातिरों को कॉल किया। भगवान टॉकीज चौराहे पर शातिरों ने उसे स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर का 99 लाख 65 हजार के डीडी की कॉपी पकड़ा दी। महिला ने जब बैंक में उसकी जांच कराई, तो वह फर्जी डीडी पाया गया।

पुलिस से की शिकायत

महिला ने 25 मई को एसएसपी से मामले की शिकायत की। यहां से वह थाना हरीपर्वत आई। एसएसपी ने मामले में साइबर टीम को लगाया। टीम के सदस्यों ने महिला से बात कर शातिरों को पकड़ने का पूरा प्लान तैयार किया। दो दिन पहले शातिरों को भगवॉन टॉकीज बुलाया। महिला के कपड़ों में टीम ने गुप्त कैमरा लगा दिया। एक शातिर महिला के पास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का असिस्टेंट मैनेजर बन कर आया। लोन की बात की तो शातिर ने तीन लाख रुपये मांगे। इस पर बाद में दो लाख रुपये में सौदा तय हुआ। महिला कल दो लाख रुपये लेकर आने की कहकर वहां से चली गई।

पुलिस ने फैलाया जाल

26 मई को महिला को फिर से भगवॉन टॉकीज भेज दिया। साइबर की टीम ने पहले ही महिला को बता दिया था कि शातिरों से क्या बोलना है। टीम की स्क्रिप्ट के हिसाब से शातिरों को बुलाया गया। उस दौरान एक ही युवक डीडी लेकर वहां पर आया। साइबर टीम के विजय तोमर, बबलू और जितेंद्र महिला के आस-पास सादा कपड़ों में नजर रखे हुए थे। साइबर प्रभारी अमित सिंह भी कुछ दूरी पर थे। उनके पास थाना हरीपर्वत इंस्पेक्टर राजा सिंह भी निगाह बनाए हुए थे। टीम ने युवक को पकड़ लिया। उससे साथियों के बारे में पूछा तो बताया कि साथी आगे बोलेरो में हैं। टीम ने उन्हें दौड़ कर पकड़ा। शातिरों ने इस मामले में अलीगढ़ निवासी सागर शर्मा व उसकी पत्नी हेमा शर्मा का नाम बताया है। वह सरगना है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।