-बदमाशों ने किए 9 और पुलिस ने किए केवल 5 फायर

-चौबिया पाड़ा में शनिवार सुबह हुई मुठभेड़ का लाइव

मथुरा: विश्वेश्वर चतुर्वेदी के मकान की छत पर एक काली बिल्ली पूरी रात चैन की नींद सोई है। गजब यह है कि हमेशा छत पर पसरे रहने वाले बंदर आज की रात यहां से गुजरे भी नहीं हैं। पूरे इलाके में रात के समय ऐसा सन्नाटा शायद बंदरों को कभी देखने को नहीं मिला होगा, सो बंदरों को संकरी गलियों में ही पसरे रहना ज्यादा अच्छा लगा।

5.30 बजे जवानों की बूट सुनाई दी

यह सुबह 5.30 बजे का समय है। पुलिस फोर्स के जवानों के बूटों की आहट से सबसे पहले बंदर तितर-बितर हो रहे हैं और छत पर सोई बिल्ली छलांग लगाकर दूर निकल गयी है.कुछ ही पल में पुलिस फोर्स ने दो ओर से एक मकान घेर लिया है। पड़ोस के दो-तीन मकानों को खुलवाकर जवान छतों पर आ गए हैं। शायद उन मकान मालिकों को पहले से इत्तिला रही होगी, सो दरवाजा देर तक खटखटाने की आवाज नहीं आई है।

5.40 बजे फोर्स की दो-तीन टीमें छतों पर आई

5.40 बजे फोर्स की दो-तीन टीमें छतों पर आई हैं। उनके निशाने पर पहले से ही एक मकान है, जो दुमंजिला है और जिसका मालिक अरुणेश नागर है। जैसे ही पुलिस की दो टीमें छतों पर आई हैं, इस मकान की ऊपरी मंजिल पर एक खिड़की अचानक खुली है। एक बदमाश बाहर की ओर से झांका है और फुर्ती से अंदर की ओर भाग गया है। जवानों ने उसे देख लिया।

5.42 बजे बरसाना थाना इंस्पेक्टर टीम के साथ पहुंचे

ठीक 5.42 बजे बरसाना थाने के इंस्पेक्टर उदय प्रताप सिंह टीम के साथ मकान के दरवाजे पर पहुंच गए हैं। इतने में खिड़की से बदमाश (नीरज) ने उदय प्रताप पर फायर खोल दिया। उदय प्रताप चपल और फुर्तीला होने के साथ ही पैनी नजर के धनी हैं। फुर्ती से अपना सिर दूसरी दिशा में कर लेते हैं और गोली सनसनाती हुई उनके सिर के ऊपर से निकल गयी है। अंदंर से फायर होते हैं तो बाहर पुलिस टीम भी जवाबी फायर कर रही है। उदय प्रताप जवाबी फायर करते हैं, लेकिन अगली बार उनकी रिवाल्वर की मैगजीन फंस गयी है, वह तेजी से उसे ठीक करते हैं और इतने में छत पर पोजीशन ली हुई पुलिस टीम के बीच से एक फायर सीधे नीरज के पेट में लगता है।

5.44 बजे बदमाशों के हौसले पस्त

कमरे के अंदर डटे बदमाशों का ध्यान भंग हो गया है, लेकिन उन्हें फाय¨रग करना जारी रखा है। इस बीच नीरज दर्द से तड़फा और पीछे की ओर मुड़ा कि एक गोली उसकी पीठ को पार कर गयी है। अब 5.44 बजे हैं और उदय प्रताप मकान के अंदर घुसते हैं कि दूसरा बदमाश रंगा खिड़की से भागने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उदय प्रताप एक फायर खोलते हैं, जो उसके पैर में लगता है। बस फिर क्या था, चाकू और तमंचा लिए दूसरे बदमाश पस्त हो गए हैं। इतने में तो दोनों पुलिस टीमों ने कमरे के अंदर ही उन्हें दबोच लिया और तमंचों की बट और लाठी-डंडों से उन्हें अधमरा कर दिया। एक बदमाश के सिर से खून की धार फूट पड़ी।

6.30 बजे घायल बदमाश को अस्पताल में भर्ती कराया

गोलियों की आवाज से बंदरों में हड़कंप मचा और बंदरों ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया, लेकिन उन्हें जल्द ही दौड़ा गिया गया। पूरे ऑपरेशन में 28 मिनट का समय लगा। आसपास के कुछ मकानों में तो जगार हो गयी, जो छिपकर यह देख सके, लेकिन आठ-दस मकानों में सोये लोग तो नींद से जागे भी नहीं हैं। बदमाशों को पकड़कर पुलिस फोर्स घरों से बाहर ले आई, लेकिन मुहल्ला वालों में किसी की हिम्मत नहीं हुई है कि वे बाहर झांक कर कुछ देख भी लें। एक पड़ोसी प्रत्यक्षदर्शी की मानें तो मुठभेड़ में 9 फायर बदमाशों की ओर से और पुलिस की ओर से कुल 5 फायर ठोके गए। ठीक 6.30 बजे नीरज को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। घायलों समेत सभी बदमाशों को पैदल ही खारन नीचे तक लाया गया और यहां से नीरज को अस्पताल तो शेष को कोतवाली की हवालात में डाल दिया गया।