-एडीजी टेक्निकल सर्विसेज ने सभी जोन के अधिकारियों को जारी किए निर्देश

-कम्प्यूटर ऑपरेटर न होने पर किराये पर करा सकेंगे काम, रजिस्टर नंबर 4 का डाटा भी होगा ऑनलाइन

<-एडीजी टेक्निकल सर्विसेज ने सभी जोन के अधिकारियों को जारी किए निर्देश

-कम्प्यूटर ऑपरेटर न होने पर किराये पर करा सकेंगे काम, रजिस्टर नंबर ब् का डाटा भी होगा ऑनलाइन

BAREILLY: BAREILLY: क्राइम और क्रिमिनल का डाटा डिजिटल होने से अपराधियों की धरपकड़ में आसानी होती है। सीसीटीएनएस योजना के तहत पूरे प्रदेश में पुलिस का सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। अब थानों में मौजूद रजिस्टर नंबर ब् का भी पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जाएगा। एडीजी टेक्निकल सर्विसेस महेंद्र मोदी ने सभी जोन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि रिकॉर्ड डिजिटल करने में कोई प्रॉब्लम आ रही है तो उसकी डिटेल मेल से भेजें।

प्रदेश में ख्फ्.भ् लाख डाटा डिजिटाइज्ड

एडीजी टेक्निकल सर्विसेस ने निर्देश दिए हैं कि डाटा डिजिटाइजेशन के काम में तेजी लायी जाए। जितनी जल्दी डाटा डिजिटाइज्ड होगा उतनी आसानी से क्रिमिनल्स का रिकॉर्ड तलाश सकेंगे। सीसीटीएनएस के तहत वर्ष ख्00फ् तक का डाटा डिजिटाइजेशन करना था, लेकिन प्रदेश में अभी तक सिर्फ ख्फ्.भ् लाख डाटा डिजिटाइज हो सका है। हाईकोर्ट भी सीसीटीएनएस के तहत डाटा पूर्ण न होने पर नाराजगी जाहिर कर चुका है। इस संबंध में शासन द्वारा धनराशि जारी की गई है। इसी के चलते सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने डिस्ट्रिक्ट का रिकॉर्ड चेक कर लें कि कितना डाटा ऑनलाइन होने से बचा है। इसके लिए अलग से कम्प्यूटर ऑपरेटर भी रख सकते हैं। डाटा डिजिटाइजेशन में कितना खर्च आएगा इसका एस्टीमेट बनाकर भेज दें।

रजिस्टर नंबर की ब् की डिटेल होगी फिल

सीसीटीएनएस के तहत सबसे पहले ऑनलाइन एफआईआर का रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। इससे पहले लखनऊ में भी पुराने रजिस्टर मंगाकर डाटा फीड किया गया था। उसके बाद चार्जशीट, फाइनल रिपोर्ट, जीडी व अन्य डाटा भी ऑनलाइन किया जा रहा है। अब रजिस्टर नंबर ब् का भी डाटा ऑनलाइन करना होगा, क्योंकि रजिस्टर नंबर ब् में क्राइम का पूरा रिकॉर्ड होता है। रजिस्टर नंबर ब् में थाना, क्राइम नंबर, धारा, घटना का समय, वादी, अभियुक्त, फाइनल रिपोर्ट या चार्जशीट सहित पूरी डिटेल होती है।