-एफआईआर की तरह करनी होगी प्रार्थना पत्र की जांच

-15 प्वाइंट पर देनी होगी जांच रिपोर्ट, एडीजी ने जारी किए निर्देश

BAREILLY: अगर आप ने पुलिस अधिकारियों से कोई शिकायत की है तो आपकी शिकायत बेकार नहीं जाएगी। वहीं पुलिस जांच में भी खानापूर्ति नहीं कर सकेगी। उसे एफआईआर की तरह ही जांच करनी होगी और अधिकारियों को क्भ् प्वांइट पर आख्या भेजनी होगी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के सर्कुलर के बाद एसएसपी ने सभी डिप्टी एसपी, सीओ और एसएचओ को इसे फॉलो कराने का आदेश जारी किया है।

पुलिस करती है सिर्फ खानापूर्ति

अभी तक देखने में आता है कि डीजीपी ऑफिस, जोनल ऑफिस, रेंज ऑफिस और डिस्ट्रिक्ट ऑफिस में दिए गए किसी भी प्रार्थना पत्र की जांच में सिर्फ विवेचक का नाम और विवेचक को दिए गए निर्देश लिखकर रिपोर्ट भेजकर इतिश्री कर ली जाती है। इससे वादी को सही से न्याय नहीं मिलता है और वह दोबारा अधिकारियों के पास शिकायत लेकर पहुंचता है। इससे टाइम भी बर्बाद होता है और वादी का पुलिस से भरोसा भी उठता है। इसलिए अब सभी केसेस में डिटेल में रिपोर्ट भेजनी होगी।

इन प्वाइंट्स पर करनी होगी जांच

प्रार्थना पत्र की जांच रिपोर्ट में क्राइम नंबर, थाना, धारा, दिनांक घटना और सूचना लिखना होगा। इसके अलावा अगर नामजद शिकायत है तो इसका भी जिक्र करना होगा। इसके अलावा विवेचक का नाम, प्रकाश में आए अभियुक्त, गलत पाए गए अभियुक्त, गिरफ्तार किए अभियुक्त या फिर कोर्ट में हाजिर अभियुक्त का नाम डेट सहित लिखना होगा। फरार चल रहे अभियुक्तों के खिलाफ की गई कार्रवाई, आरोपों के संबंध में प्वाइंट वाइज रिपोर्ट, निरोधात्मक कार्रवाई का विवरण, वादी द्वारा प्रार्थना पत्र में किए गए आरोपों पर टिप्पणी, विवेचना कैसी हुई इस पर टिप्पणी या जमीन से संबंधित शिकायत है तो संबंधित विभाग को भेजने के विवरण सहित रिपोर्ट भेजनी होगी।