PATNA: सूबे की पुलिस के कामकाज और उनके कारनामे किसी से छिपे नहीं हैं। इसका प्रमाण है कि पिछले साल राज्य भर से करीब सवा सौ भ्रष्ट लोकसेवकों को घूस लेते रंगे हाथों दबोचा गया था। इनमें ख्भ् प्रतिशत लोकसेवक केवल पुलिस महकमे से ही हैं। ये बातें उस समय सामने आई जब बिहार की धरती पर संभवत: पहली बार पुलिस की कारगुजारियों पर खुली बहस हुई है.मौका था फुलवारीशरीफ स्थित बामेती सभागार में बिहार पुलिस सप्ताह के उद्घाटन सत्र का। कार्यक्रम में राज्य के तीन-तीन महानिदेशक स्तर के अधिकारियों के साथ अन्य सीनियर अफसरों ने जूनियर के साथ पुलिसिंग के अनुभव साझा किए। मौके पर डीजीपी पीके ठाकुर को छोड़ राज्य के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौजूद थे। डीजीपी ठाकुर दिल्ली में हैं। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एडीजी (मुख्यालय) सुनील कुमार ने की । धन्यवाद ज्ञापन सीआइडी के एडीजी विनय कुमार ने किया।

पारदर्शिता के साथ बेहतर रिजल्ट देना सीखें

बतौर मुख्य अतिथि बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के महानिदेशक सह सीएमडी एके उपाध्याय ने कहा कि किसी भी राज्य की पुलिस को यह जानकारी होनी चाहिए कि वह शीशे के घरों में रहती है। उन्होंने पुलिसिंग में पारदर्शिता बरतने की सलाह देते हुए कहा कि हमें उपलब्ध संसाधनों में बेहतर रिजल्ट देना सीखना होगा।

भ्रष्टाचार पर नकेल कसना एसपी की जिम्मेदारी

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के डीजी रविंद्र कुमार ने बिहार सरकार के अन्य सभी महकमो के मुकाबले पुलिस को सबसे अधिक भ्रष्ट करार दिया। कहा कि यह एसपी की जिम्मेदारी है कि वह अपने जिले के पुलिस बल में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नकेल कसे। उन्होंने कहा कि पुलिस में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण स्टेशन डायरी का अद्यतन नहीं होना है। उन्होंने सभी एसपी को सलाह दी कि वे स्टेशन डायरी लंबित रखने वाले अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को तत्काल निलंबित करें।

हथियार और बल के बारे में नहीं जानते एसपी

डीजी (ट्रेनिंग) केएस द्विवेदी ने कहा कि यह हैरत की बात है कि एसपी को जिले में उपलब्ध पुलिस संसाधनों की जानकारी तक नहीं होती। उन्हें यह भी पता नहीं होता कि उनके जिला पुलिस बल के पास कितने और कैसे हथियार हैं। यही स्थिति जिलों में उपलब्ध पुलिस वाहनों, संचार संसाधनों और उपलब्ध पुलिस बल की संख्या का भी है। उन्होंने यह भी कहा कि इलाके के छंटे हुए अलग-अलग अपराधियों को ट्रैक करने के लिए जिले में अलग-अलग पुलिस अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाए।