- डॉक्टर के घर हुई लूट में सीसीटीवी की फुटेज रही मददगार

आगरा। यदि आपके घर सीसीटीवी नहीं लगा तो लगवा लें। भविष्य में कभी भी कोई घटना होने पर ये मददगार साबित हो सकते हैं। महर्षिपुरम में डॉक्टर के घर लूट करने वाले पुलिस के हत्थे यूं हीं नहीं चढ़े। इसमें पुलिस के मुखबिर तंत्र से ज्यादा मदद सीसीटीवी ने दिखाई है। कॉलोनी से लेकर दुकान और हाईवेज तक में लगे ये कैमरे बदमाशों को पकड़वाने में मजबूत कड़ी बनी है। पुलिस ने लगातार मिलते गए कैमरों की फुटेज से बदमाशों तक अपनी पहुंच बनाई।

शोरूम के कैमरे में मिली साफ फुटेज

पुलिस को सबसे पहले सीसीटीवी डॉक्टर के मकान के सामने वाले मकान में मिला। वहां से पुलिस ने मामले को खंगालना शुरु किया। फिर पुलिस को कॉलोनी में ही डॉक्टर के घर से 100 कदम दूरी पर एक और मकान पर कैमरा लगा दिखाई दिया। इन्हें देख पुलिस हाईवे पर आ गई। जहां उन्होंने बाइक शोरूम के बाहर लगे कैमरे की फुटेज खंगाली। यहां से बदमाशों का डायरेक्शन खंदारी की तरफ मिला। यहां से दो किलोमीटर दूर पुलिस को एक कैमरा खंदारी की तरफ मिला। जहां की फुटेज ने बदमाशों की लोकेशन को ट्रेस करने में और मदद की।

गांव से पहले तक की कैमरों की जांच

पुलिस कैमरों के माध्यम से बदमाशों के पीछे लग गई। पीछा करती हुई पुलिस थाना सिकंदरा और थाना न्यू आगरा के बॉर्डर मऊ गांव की तरफ निकल गई। यहां से आगे सीसीटीवी कैमरा नहीं थे। यहां के बाद पुलिस ने अपना मुखबिर तंत्र फैला दिया। फुटेज में दिखने वाले चेहरों की तस्वीर मुखबिर को दी और गांव में पड़ताल कराई तो गांव के लोगों ने पुरुषोत्तम को पहचान लिया। इसी के बाद पुलिस को सुराग मिलते चले गए और बदमाशों के भागने की कडि़यां जुड़ती चली गई। इस तरह घटना के बाद सीसीटीवी का अहम रोल रहा।

प्रॉपर्टी डीलर की रही मुखबिरी

पुलिस के मुताबिक जहां पर डॉक्टर का हॉस्पिटल है। वही पर एक युवक का प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस भी है। उसके अलावा दो अन्य भी इस मुखबिरी में शामिल है। एक युवक मथुरा में रहता है। दो युवक सेक्टर-7 के रहने वाले हैं। पुलिस इन तीनों की भूमिका की जांच कर रही है। पूछताछ में बदमाशों ने इन तीन नामों का खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि तीनों संदेह के घेरे में हैं। पड़ताल के बाद ही मामले की सच्चाई का पता चल सकेगा। पुरुषोत्तम को छोड़कर पकड़े गए तीनों बदमाश टप्पेबाजी करते हैं।