- खलासी के मर्डर में नहीं मिला कोई सुराग

- जंगल टिकरिया में अधेड़ की हत्या में शामिल है कोई शातिर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : गोलियों की लीला में गोरखपुर पुलिस उलझ गई है। बाघागाड़ा में कश्मीर निवासी ट्रक खलासी पर हमला पुलिस की समझ से परे है। थर्सडे को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने उसकी डेड बॉडी को कश्मीर भेज दिया। उधर गुलरिहा एरिया के जंगल टिकरिया में अधेड़ के मर्डर की गुत्थी उलझ गई है। नामजद आरोपी भी मर्डर में यूज वेपन नहीं बरामद सके हैं। पुलिस को ऐसे संकेत मिले है कि मर्डर में किसी तीसरे व्यक्ति का हाथ है। जिसने साफगोई से कुछ लोगों को नामजद करा दिया है ताकि पुलिस उन पर शक न कर सके। पुलिस अफसरों का कहना है कि दोनों मामलों में असलियत जल्द ही सामने आ जाएगी।

पोस्टमार्टम के बाद कश्मीर भेजी गई डेड बॉडी

जम्मू कश्मीर के बारामूला, सिपार निवासी अल्ताफ के मर्डर में कोई सुराग नहीं लगा है। अल्ताफ को पिस्टल से गोली मारी गई थी, लेकिन हमलावरों का इरादा क्या था यह भांपना मुश्किल हो चला है। अल्ताफ के साथ रहे अन्य ड्राइवर और खलासियों से पुलिस ने अपने तरीके से पूछताछ की, लेकिन उनसे कोई ऐसा सुराग नहीं मिला जिससे कहा जा सके कि अल्ताफ किसी यार की गद्दारी का शिकार हुआ। आसपास के लोग भी घटना के बारे में कुछ नहीं बता सके। पुलिस का मानना है कि मनबढ़ राहगीरों ने अचानक अल्ताफ पर गोली दागी है। थर्सडे को मौके पर पहुंचकर पुलिस ने घटना हर एंगल से जांच किया। उधर पोस्टमार्टम के लिए बाद अल्ताफ की डेड बॉडी को कॉफिन में रखकर कश्मीर रवाना कर दिया गया। यहां बता दें कि अल्ताफ का बड़ा भाई वसी अहमद ट्रक चलाता है। अल्ताफ भी ट्रक पर हेल्पर हो गया। 17 अक्टूबर को वसी अहमद, अल्ताफ, कैसर अहमद, इरफान अहमद तीन ट्रकों से बिहार की तरफ गए। वेंस्डे इवनिंग लौटते समय बाघागाड़ा फोरलेन पर रुक कर खाना पकाने लगे। हेल्पर अल्ताफ अपने ट्रक पर ड्राइवर का शीशा साफ कर रहा था, तभी बदमाशों ने उसे गोली मार दी। उसके गिरने पर ट्रक खलासी बिलाल को जानकारी हुई। घटना में बिलाल पर संदेह जताते हुए पुलिस ने उससे अलग से पूछताछ की। गोली मारने वालों ने किसी तरह की लूटपाट नहीं की थी। इससे पुलिस घनचक्कर हो गई।

विपक्षी से जमीन का मुकदमा जीत गया था चंद्रमा

गुलरिहा एरिया के महराजगंज, मानीराम टोला निवासी चंद्रमा के मर्डर में किसी अन्य व्यक्ति का हाथ है। पुलिस की जांच में इसके सबूत भी मिले हैं, लेकिन आनन फानन में कराई गई नामजदगी पुलिस की राह में रोड़ा बन रही है। वेंस्डे को चौकी प्रभारी के बुलाने पर सभी नामजद आरोपी पहुंच गए। पुलिस ने सभी आरोपियों से पूछताछ की, लेकिन मर्डर में यूज वेपन नहीं बरामद नहीं हुआ। पुलिस का कहना है कि इस मामले में तस्दीक कराई जा रही है। जांच में नामजद अभियुक्तों से संबंधित सबूत नहीं मिले है। उधर यह भी सामने आया है कि चंद्रमा का कुछ लोगों से भूमि का मुकदमा चल रहा था। चंद्रमा अपना मुकदमा जीत गया, लेकिन दूसरे पक्ष ने कब्जा नहीं करने दिया। यहां बता दें कि ट्यूज्डे मार्निग जंगल टिकरिया में पनियरा रोड किनारे चंद्रमा की डेड बॉडी मिली। बदमाशों ने सिर में पीछे से गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। चंद्रमा के भाई के रामजतन निषाद ने राम हरि उर्फ हरीराम, श्यामदेव, विक्रम, राम किशुन गुप्ता, कतवारू, मुन्ना गुप्ता के खिलाफ केस दर्ज कराया। सभी आरोपी पुलिस के बुलाने पर फौरन पहुंच गए। आरोपियों पर नजर रखकर पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि उनके अलावा कोई तीसरा इस साजिश में शामिल है।

दोनों मामले की पहेली सुलझाने के लिए तफ्तीश की जा रही है। ट्रक खलासी का मर्डर किस वजह से हुआ है, जल्द ही इसका पता लगा लिया जाएगा। जंगल टिकरिया में चंद्रमा की हत्या की अलग एंगल से जांच की जा रही है। मुकदमे में नामजद आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं है। इस बात की जानकारी मिली है कि किसी ने गहरी साजिश रची है।

रामकृष्ण भारद्वाज, एसएसपी