PATNA : एफआईआर दर्ज कर दूसरों को गिरफ्तार करने वाला दारोगा गजेन्द्र सिंह आज खुद फरार है। जैसे उसके खिलाफ पटना के कदमकुआं थाने में एफआईआर दर्ज हुआ। उसे खुद की गिरफ्तारी का डर सताने लगा। अब ये घूसखोर दारोगा थाना से अपनी ड्यूटी छोड़ फरार हो गया है। पिछले ब्8 घंटे से सब इंस्पेक्टर गजेन्द्र सिंह न तो थाने पर हैं और न ही अपनी ड्यूटी पर। रविवार को एसएसपी मनु महाराज ने साफ कर दिया था कि घूस लेने वाले दारोगा को बख्शा नहीं जाएगा। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। किराना दुकानदार नरेश कुमार साह के कंप्लेन पर और एसएसपी की पहल के बाद कदमकुआं थाने में शनिवार को एफआईआर दर्ज किया गया था। दारोगा के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के तहत एफआईआर किया गया है।

- थानेदार की भूमिका भी संदिग्ध

रुपए लेकर दो बार पीआर बांड पर छोड़ने के मामले में गजेन्द्र सिंह खुद तो फंसे ही। साथ में अपने थानेदार को भी ले ले डूबे। इस पूरे मामले में कदमकुआं थानेदार गुलाम सरवर की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। सीनियर ऑफिसर्स थानेदार की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं। अगर जांच में थानेदार की भूमिका सामने आई तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

- थानेदार पर शक होने की वजह

8 सितंबर को सब इंस्पेक्टर गजेन्द्र सिंह नरेश कुमार साह को जबरन कदमकुआं थाना लेकर आया था। सुबह से लेकर क्क् बजे रात तक डिटेन किया। फिर पीआर बांड भरवाया। इसके बाद भ् हजार रुपए लिए और फिर नरेश को छोड़ा। ठिक अगले दिन 9 सितंबर को गजेन्द्र ने नरेश कुमार साह को थाने बुलाया। पूरा दिन डिटेन किया। फिर देर रात को लगातार दूसरे दिन पीआर बांड भरवाया और ब् हजार रुपए लेकर उसे थाने से छोड़ा। गजेन्द्र सिंह तो सब इंस्पेक्टर है। लेकिन गुलाम सरवर इंस्पेक्टर कम एसएचओ हैं। उनके थाने में दो दिन क्या हुआ, इसकी उन्हें भनक नहीं है। शनिवार को एसएसपी के सामने थानेदार ने नरेश को थाने पर होने की बात तो मानी थी, लेकिन दोनों दिन उन्हें रुपए लेकर छोड़ा गया। इसका उन्हें पता नहीं था। थानेदार की यही बात उन्हें शक के दायरे में ले आई है।

सभी बिन्दुओं पर मामले की जांच चल रही है। थानेदार की भूमिका के बारे में पता लगाया जा रहा है। फिलहाल गजेन्द्र सिंह फरार है।

चंदन कुशवाहा, सिटी एसपी पटना सेंट्रल