-हसनगंज ट्रिपल मर्डर और लूट के मामले में हाथ खाली

-15 दिन में बरामद हुआ सिर्फ खाली बॉक्स

-सीएम के दिये अल्टीमेटम की मियाद पूरी

LUCKNOW:

सीएम का अल्टीमेटम -15 दिन

पुलिस टीमें- 20

एजेंसियां- लोकल पुलिस, क्राइम ब्रांच, और एसटीएफ

रिजल्ट- लूटे गये 50 लाख का खाली बक्सा

हसनगंज ट्रिपल मर्डर और लूट के मामले में पुलिस के साथ एसटीएफ भी लकीर ही पीटती नजर आयी। इसके लिए कुल क्म् टीमें एसएसपी लखनऊ और चार टीमें एसएसपी एसटीएफ ने बनायीं थी। यानि ख्0 टीमें मिलकर एक लूट काण्ड का खुलासा करने में पिछले पंद्रह दिन में नाकाम रहीं। सीएम ने क्भ् दिन का अल्टीमेटम दिया था। इस अल्टीमेटम की भी मियाद पूरी हो गयी। लेकिन मर्डर के साथ लूटकाण्ड को अंजाम देने वाले पुलिस की पहुंच से कोसों दूर रहे। पुलिस के हाथ लगा तो वह बक्सा जिसमें पैसे रखे थे और कुछ रबर बैंड जिससे नोट बंधी थी। इसके अलावा पुलिस के हाथ अब तक कुछ भी नहीं लग सका है।

सर्विलांस का नहीं हुआ यूज

एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि क्रिमनल्स ने बड़ी ही चालाकी से पूरी घटना को अंजाम दिया। पूरी घटना के दौरान मोबाइल यूज ही नहीं किया गया। एसटीएफ की इंवेस्टीगेशन सर्विलांस के ही इर्द गिर्द रहती है। इस पूरी घटना में जांच के दौरान कहीं भी डिजिटल डिवाइस का यूज नहीं पाया गया। जिसकी वजह से जांच में कोई भी सुराग हाथ नहीं लग सका। अलग अलग शहरों में भी टीमें भेजी गयीं, इस तरह की वरदात को अंजाम देने वाले गैंग के बारे में भी पता किया गया और जेलों में बंद अपराधियों से भी पूछताछ की गयी लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका।

ग्राउण्ड लेविल पर फेल रही पुलिस

इस पूरे मामले में ग्राउण्ड लेविल पर पुलिस पूरी तरह फेल रही। शुरुआत में पुलिस सीसीटीवी कैमरों में पुलिस उलझी रही और अपराधी शहर में ही घूमते रहे। पुलिस को पैसों का बाक्स म् दिन बाद वजीरगंज के क्रिश्चियन कालेज के पास से मिला। रिटायर्ड डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस ने ग्राउण्ड लेवल पर काम करना लगभग बंद कर दिया है। मुखबिर तंत्र को पुलिस की सबसे मजबूत कड़ी माना जाता था अब वही कड़ी सबसे कमजोर कड़ी हो गयी है। पुलिस को पूरा भरोसा सीसीटीवी कैमरों और सर्विलांस पर हो गया है यह पुलिस के लिए घातक है। जबकि अपराधी भी अब हाईटेक हो गये हैं, चालाक हो गये हैं और इनसे बचाव का तरीका इस्तमाल करने लगे है। वह पुलिस से चार कदम आगे रहकर घटना को अंजाम दे रहे हैं।