BAREILLY:

यूपी पुलिस कहती है कि पीडि़त की मदद करो, लेकिन जब मदद करने वाले को ही परेशान कर पुलिस अपनी ड्यूटी कराए तो फिर जनसेवा के फेर में कौन फंसेगा। इज्जतनगर पुलिस ने भी ऐसे ही व्यवहार एक मददगार के साथ किया है, जिसने मारपीट में घायल व्यक्ति को थाना पहुंचाया था, लेकिन पुलिस ने मददगार को घायल का साथी समझकर उसे मेडिकल कराने से लेकर अन्य ड्यूटी करवायी। शख्स ने मामले की शिकायत यूपी पुलिस के ट्विटर अकाउंट पर की है। शिकायत मिलने पर अधिकारियों ने इज्जतनगर पुलिस से जवाब-तलब कर लिया है। वहीं इज्जतनगर पुलिस अब बचाव में आ गई है।

 

अमरूद खाने के दौरान हुआ झगड़ा

कंजादास पुर निवासी गौरव कुमार का आरोप है कि वह डाकखाना तिराहा पर अमरूद खा रहे थे। उन्होंने बकरी को भी अमरूद खिलाना चाहा तो वहां पर राकेश आ गया और मारपीट करने लगा। उसका सिर फोड़ दिया। इसी दौरान शांति नगर निवासी विक्की वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने गौरव को खून से लथपथ देखा तो उसे इज्जतनगर थाना लेकर पहुंचे। यहां पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें गौरव का साथी समझा। जब वह जाने लगे तो पुलिसकर्मियों ने जबरन उन्हें गौरव का मेडिकल कराने के लिए साथ चलने के लिए कहा। यही नहीं उन्हें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल लेकर गए। इसके अलावा अन्य पुलिस की ड्यूटी भी कराई और इस तरह से उनके 5 घंटे ख्ाराब हुए।

 

इसलिए लोग मदद से कतराते हैं

विक्की ने ट्विटर पर लिखा कि क्या किसी की हेल्प करना गलत है। इस एक्सपीरियंस से तो वह कह रहे हैं कि अब कोई सड़क पर मर भी रहा होगा, तो मदद नहीं करेंगे। विक्की की तरह ही लोग पुलिस के झमेले से बचने के लिए घायल की मदद कर हॉस्पिटल पहुंचाने से कतराते हैं, जिसकी वजह से कई लोगों की जान भी चली जाती है। विक्की की शिकायत पर पुलिस अधिकारियों ने संज्ञान लिया और इज्जतनगर पुलिस ने जवाब-तलब किया। मामले में बरेली पुलिस के अधिकारियों ने हेडक्वार्टर को अवगत कराने के लिए कहा है। इस संबंध में पीडि़त से भी नंबर मांगा गया, तो उसने जवाब में लिखा अब तो वह घर पहुंच गए।

 

मारपीट का मामला आया था। घायल के साथ में एक युवक आया था। पुलिसकर्मियों ने उसका साथी समझा इसलिए मेडिकल में मदद ली। परेशान करने की बात गलत है।

नरेश कुमार त्यागी, एसएचओ इज्जतनगर