- पुलिस की ओर से सभी जिलों में रखे जाएंगे काउंसलर

- बदमाशों की काउंसिलंग करेगी पुलिस

GORAKHPUR:

जीआरपी की तर्ज पर जल्द ही यूपी पुलिस जेलों में बंद कैदियों की काउंसलिंग करके उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की कोशिश करेगी। इसके लिए डीजीपी ओपी सिंह ने पहल की है। जीआरपी के इस अभियान की सफलता को देखते हुए डीजीपी ने यह मॉडल सभी जिलों में लागू करने के निर्देश दिए। दूसरी ओर उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी घटनाएं करने वालों को काउंसलिंग करके अपराध की दुनिया से निकाला जा सकता है।

मिले हैं बेहतर परिणाम

दरअसल जीआरपी के एडीजी बीक मौर्य ने रेलवे स्टेशनों व ट्रेनों में अपराध करने वाले बदमाशों की जेलों में काउंसलिंग शुरू की है, जिसके परिणाम खासे उत्साहवर्धक रहे हैं। एक कैदी की पत्‍‌नी ने उसके अपराध न करने के वादे के बाद तलाक लेने का निर्णय वापस ले लिया है। इसके अलावा कई अन्य अपराधी भी अपराध जगत से नाता तोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। इसे देखते हुए अब इस व्यवस्था को यूपी के सभी जिलों में लागू करने का निर्देश दिया गया है।

जिलों में लागू होगा जीआरपी मॉडल

ऐसे में अब जीआरपी के इस मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। सभी जिलों की पुलिस जेलों में बंद बदमाशों की काउंसलिंग करके उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करेगी। इसे लेकर डीजीपी की ओर से सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश भी जारी कर दिया गया है।

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काउंसलिंग के जरिए छुटपुट वारदात करने वाले बदमाशों को सही रास्ते पर लाया जा सकता है। जीआरपी की इस पहल का बेहतर नतीजा भी सामने आया है। पुलिस की ओर से हर संभव प्रयास किए जाएंगे। ताकि छोटी-छोटी घटनाएं करने वालों को काउंसलिंग करके अपराध की दुनिया से निकाला जा सके।

दावा शेरपा, एडीजी