कर्मचारी सतेंद्र की हत्या में प्रथम दृष्टया है कॉलेज संचालक से विवाद

घर पर लगे कैमरे में कैद हुए हैं दो दिन पहले घर आने वाले संचालक

आगरा। डॉ। बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी कर्मचारी सतेंद्र की हत्या करने से पहले उसे धमकी दी गई थी। दो निजी कॉलेज संचालकों की संलिप्तता इस हत्याकांड में प्रथम दृष्टया सामने आ रही है। निजी कॉलेज संचालकों के चेहरे सतेंद्र के घर के पास लगे सीसीटीवी में कैद हो गए हैं। पुलिस फुटेज की जांच कर रही है।

स्कॉर्पियों में आए थे कॉलेज संचालक

कर्मचारी की मौत को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन सकते में आ गया है। आखिर उसको गोली किसने मारी, इस सवाल का जवाब अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। शाहगंज थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्यासपुरा निवासी कर्मचारी सतेंद्र के बेटे आशीष ने बताया कि दस फरवरी की शाम सात बजे स्कार्पियो में दो युवक घर आए थे। इनके दो कॉलेज हैं, एक मैनपुरी में दूसरा अन्य जनपद में। वह उस दौरान कोचिंग जा रहा था। उन्होने पूछा 'सतेंद्र जी' का घर यही है। उसने 'हां' कहा और चला गया। कार में एक महिला भी सवार थी। वह कार में ही बैठी रही। घर में अंदर सतेंद्र से दोनों युवकों की बातचीत होने लगी।

लॉगइन खुलवाना चाहते थे

आशीष ने बताया कि युवकों के हाथ में एक फाइल थी। इस दौरान घर पर युवक और उसके पिता सतेंद्र की 20 से 25 मिनट तक बातचीत हुई। सतेंद्र की पत्‍‌नी गीता देवी उस दौरान रसोई में काम कर रही थी। उनकी बातचीत की आवाज रसोई तक आ रही थी। बेटे के मुताबिक मां ने बताया कि वह अपनी फाइल क्लियर कराना चाहते थे। वह चाहते थे कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर कॉलेज का लॉगइन खुल जाए और वह छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन और परीक्षा फार्म संबंधी काम आसानी से सबमिट कर सकें। लेकिन कॉलेज संचालक पर 49 लाख रूपया बकाया था।

कर्मचारी ने किया था इनकार

ये बकाया जमा किए बिना युवक आठ-दस लाख रुपये का प्रलोभन देकर लॉगइन खुलवाना चाहते थे, लेकिन पिता ने मना कर दिया। मां के अनुसार उन्होंने पिता का अपहरण की धमकी दी थी। आशीष के अनुसार सतेंद्र ने कॉलेज संचालकों से बकाया फीस जमा करने को कहा तो उन्होने रसीद दिखाई, लेकिन सतेंद्र ने एक नजर में पहचान लिया कि ये रसीद फर्जी है। कर्मचारी ने उन युवकों को विश्वविद्यालय में आने को कहा। बताया जा रहा है कि 12 फरवरी को भी यही कॉलेज संचालक सतेंद्र के पास आए थे। कार्यालय में इसी बात पर विवाद होने की चर्चा है।

घर के मैनगेट पर लगा है सीसीटीवी

कॉलेज संचालकों के सतेंद्र के घर पर आने-जाने की घटना सीसीटीवी में कैद हुई है। क्योंकि, सतेंद्र के मकान के मेनगेट पर सीसीटीवी कैमरा लगा है। जब कॉलेज संचालक ने घर के अंदर एंट्री की तो वह फुटेज में कैद हो गए। जाते हुए भी वह कैद हुए। परिजनों ने बताया कि इससे पहले भी वह दोनों घर पर आ चुके हैं। उस दौरान भी विवाद की बात कही जा रही है।

सोच समझ कर की मौत की प्लानिंग

सतेंद्र की हत्या सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। रास्ते की रेकी से लेकर हत्या को अंजाम देने तक फुल प्रूफ प्लानिंग बनाई गई। बताते हैं कि सतेंद्र आमतौर पर दूसरे रास्ते से होकर घर जाता था। वह गेट के सामने वाली ठेल से पहले पपीता लेता, फिर अपने रास्ते निकलता, लेकिन शुक्रवार को पपीता वाला नहीं आया था। वह जोन्स लाइब्रेरी वाले रास्ते से उसे देखता गया होगा। वह रास्ता हमेशा शांत रहता है। वहां से बड़ा वाहन तो निकलता ही नहीं है। वहां से मात्र बाइकें और साइकिल ही निकल पाती है। सड़क के बीच में पाइप लगा रखा है।

बीच में खड़े थे हत्यारे

हत्यारों ने वारदात को अंजाम देने के लिए बीच का प्वाइंट चुना। वह उस स्थान पर खड़े हुए होंगे, जहां से दोनों रास्तों से निकला जा सके। हत्यारों ने खाली और सुनसान रास्ते का पूरा फायदा उठाया। पहले उसे रुकवाया। उससे बात की। उसका स्कूटर वहीं खड़ा था। हेलमेट स्कूटर पर रखा हुआ था। हत्यारे ने सीने पर असलाह सटाकर गोली मार दी।

अंदर भी लगवायेंगे सीसीटीवी

शव पोस्टमार्टम हाउस जाने के बाद भारी संख्या में विश्वविद्यालय के कर्मचारी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। सीसीटीवी कैमरे को लेकर कर्मचारी गंभीर दिखे। उनका कहना था कि सीसीटीवी कि वजह से पता चल सकेगा कि कौन मिलने आया था। वह भी अब सीसीटीवी लगवाने के पक्ष में हैं। कर्मचारियों का कहना था कि विश्वविद्यालय के हर विभाग में सीसीटीवी कैमरा होना चाहिए। वह इसकी मांग भी रखेंगे। साथ ही गेट पर भी एक रजिस्ट्रर रखा जाएगा। इसमें हर आने-जाने वाले की एंट्री होगी।