-आई नेक्स्ट का दीपेंद्र हत्याकांड में एक और खुलासा

-छत्तीस घंटे से ज्यादा पुलिस हिरासत में था मुख्य आरोपी विशाल

-इसके बावजूद पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर झूठ बोला

-विशाल ने कहा उसकी मंगेतर कविता और भाई निर्दोष, पुलिस ने फर्जी फंसाया

KANPUR : कर्नलगंज में दीपेंद्र मर्डर में पुलिस द्वारा लड़की का अ‌र्द्धनग्न जुलूस निकाले जाने, झूठ बोलने और उसको परिवार समेत थाने में हिरासत में रखकर अमानवीय व्यवहार करने का तो आई नेक्स्ट खुलासा कर चुका है। अब पुलिस के एक और झूठ पर से पर्दा हटाने का समय है। और वो ये है कि पुलिस ने इस केस में कविता समेत दो लोगों को फर्जी फंसा दिया है। मुख्य आरोपी विशाल का कहना है कि उसकी मंगेतर कविता बेगुनाह है। उसके मुताबिक दीपेंद्र की हत्या की जानकारी न तो कविता को थी और न ही उसके भाई को। उसने थानाध्यक्ष को भी यही बयान दिया था, लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। साथ ही इस केस में कविता की तरह उसे (मुख्य आरोपी विशाल) को भी नियम के विरूद्ध चौबीस घंटे से ज्यादा समय तक थाने में हिरासत में रखा गया था।

छत्तीस घंटे हिरासत में

कर्नलगंज पुलिस भले ही दीपेंद्र हत्याकांड केस का खुलासा कर शान्त बैठ गई है, लेकिन पुलिस की झूठी कहानी की परतें खुलने लगी हैं। आई नेक्स्ट के रिपोर्टर ने रविवार को जेल में जाकर मुख्य आरोपी विशाल वाल्मीकि से बात की। उसने बताया कि पुलिस ने उसे भी चौबीस घंटे से ज्यादा हिरासत में रखा था। उसको पुलिस ने दीपेंद्र का शव मिलने वाली रात को ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन अगले दिन भी जेल नहीं भेजा। विशाल ने थाने में आरोपी लड़की और उसके परिजनों को भी देखा था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी लड़की को जेल भेज दिया, लेकिन उसको थाने में ही रखा गया।

पुलिस वालों ने पट्टे से पीटा था

पुलिस हिरासत के दौरान मुख्य आरोपी विशाल की जमकर पिटाई की गई। उसके मुताबिक पुलिस ने उसको हिरासत में लेने से बाद हवालात में डाल दिया था। जिसके बाद एसओ अनिल यादव, एक दरोगा समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने उसको डण्डे से पीटा था। अगली रात को ऑफिसर्स ने उसको हवालात से बाहर निकालकर पट्टे से पीटा था।

लड़की और भाई को फर्जी फंसाया

दीपेंद्र हत्याकांड के मुख्य आरोपी विशाल के मुताबिक पुलिस ने उसकी मंगेतर और भाई को फर्जी फंसाया है। दोनों को दीपेंद्र की हत्या के बारे में कुछ नहीं पता था। उसके मुताबिक वो दीपेंद्र से नफरत करता था। इसलिए वो अक्सर उसको मारने की बात कहता रहता था। आरोपी लड़की कविता, यानि उसकी मंगेतर समझती थी कि वो गुस्से में बोलता है। इस बारे में उसको जानकारी नहीं थी। उसने पुलिस को भी यहीं बयान दिया था, लेकिन पुलिस ने उसके बयान को दर्ज करना जरूरी नहीं समझा। उसने कहा कि उसके छोटे भाई को भी पुलिस ने फर्जी फंसाया है, ताकि उसकी कोई पैरवी न कर सके।

'दीपेंद्र की प्रेमिका नहीं, मेरी मंगेतर'

जेल में मिलाई के दौरान मुख्य आरोपी विशाल ने बताया कि आरोपी लड़की कविता (परिवर्तित नाम)) दीपेंद्र की प्रेमिका नहीं है, बल्कि उसकी मंगेतर है। दीपेंद्र उसको बुरी नजर से देखता था। वो अक्सर उसके साथ छेड़खानी करता था। कविता के विरोध करने पर वो गाली-गलौज करने लगता था। कविता दीपेंद्र को फोन नहीं करती थी, बल्कि दीपेंद्र ही उसे फोन करके परेशान करता था। उसने इसकी शिकायत दीपेंद्र के घर पर भी की थी, लेकिन वे इसकी अनदेखी करते रहे। इसी को लेकर उसका होली में उससे झगड़ा हो गया था।

कैसी है वो

जेल में आई नेक्स्ट के रिपोर्टर से मिलाई के दौरान विशाल ने मंगेतर कविता का हालचाल जानने की कोशिश की। उसने रिपोर्टर से पूछा कि वो कैसी है। वो हास्पिटल में है या जेल में। उसने न्यूज पेपर में उसके डिप्रेशन में होने के बारे में पढ़ा था। उसने बताया कि उसने थाने में उसको देखा था, लेकिन पुलिस कर्मियों ने उसको बात करने नहीं दी थी। उसने जब कहा कि वो निर्दोष है, तो भी पुलिस ने उसको क्यों फंसा दिया.?

अभी भी डिप्रेशन में है कविता

पुलिस की शर्मनाक हरकत की शिकार आरोपी लड़की अभी भी डिप्रेशन में है। जेल में उसको महिला बैरक में रखा गया है, लेकिन वो अभी भी किसी महिला से घुल-मिल नहीं पाई है। महिला बंदी उससे बात करने की कोशिश करती हैं, लेकिन वो किसी से बात नहीं कर रही। वो अकेले रोती रहती है। उसकी अंदरुनी चोट सही नहीं हुई हैं। जेल अस्पताल से उसको दवा दी गई है। वो ठीक से खाना भी नहीं खा रही है। महिला बंदियों के बार-बार कुरेदने पर वो सिर्फ ये कहकर रोने लगती है कि मंगेतर से बात करना जुर्म है। उसको तो पुलिस ने सिर्फ मंगेतर से बात करने में फंसा दिया, जबकि वो निर्दोष है। उसको दीपेंद्र की हत्या के बारे में कुछ नहीं मालूम था। वो रात में अचानक जग जाती है। जिसके बाद वो फिर से रोने लगती है। जेलर एके सिंह ने उसकी काउंसलिंग की है।