-पुलिस वीक के मौके पर राज्यपाल राम नाईक ने ली भव्य परेड की सलामी

-पहली बार सीएम योगी आदित्यनाथ व डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा भी हुए शामिल

-51 पुलिस अधिकारियों को गैलेंट्री अवार्ड से किया गया सम्मानित

LUCKNOW : 'जब भी कोई अच्छा काम होता है तो उसमें विघ्न डालने राक्षस आते हैं। प्रदेश में अच्छे काम हो रहे हैं, इसमें विघ्न डालने और प्रदेश की बदनामी कराने को अपराधी सक्रिय होते हैं, पुलिस राम-कृष्ण की तरह है, अपराधी रूपी राक्षसों पर कठोर कार्रवाई करे.' यह कहना है प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का। वे गुरुवार को पुलिस वीक के तहत रिजर्व पुलिस लाइंस में पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले राज्यपाल ने भव्य परेड की सलामी ली और पुलिस अधिकारियों को वीरता के लिये पुलिस पदक और विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति का पुलिस पदक देकर सम्मानित किया। समारोह की खास बात यह रही कि इतिहास में पहली बार पुलिस वीक की रैतिक परेड में सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए।

दिखा पुलिस का भव्य स्वरूप

रिजर्व पुलिस लाइंस में गुरुवार सुबह आठ बजे शुरू हुई परेड में पुलिस की भव्यता देखते ही बन रही थी। राज्यपाल को स्टेट डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स, आरआरएफ, महिला पुलिस, 10वीं वाहिनी पीएसी, बाराबंकी की तीन, 25वीं वाहिनी पीएसी रायबरेली की तीन, 35वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ की तीन, नागरिक पुलिस, सशस्त्र पुलिस, जीआरपी, फायर सर्विस, ट्रैफिक पुलिस, एंटी टेररिस्ट स्क्वायड, अश्वारोही पुलिस, मोटर साइकिल दस्ता, अग्निशमन दस्ता, पुलिस रेडियो, यूपी 100 की टुकडि़यों ने सलामी दी। परेड का नेतृत्व एसएसपी लखनऊ दीपक कुमार ने किया।

इंवेस्टर्स समिट की सफलता में पुलिस का योगदान

राज्यपाल नाईक ने कहा कि पुलिस अधिकारी व कर्मचारी सरकार का चेहरा होते हैं। पुलिस की भूमिका सिर्फ कानून लागू करने वाले बल की नहीं बल्कि, एक्टिव सर्विस प्रोवाइडर की है, जो प्रगति, विकास व शांति में भागीदार होती है। कहा कि यूपी इंवेस्टर्स समिट 2018 की सफलता में कानून-व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। प्रदेश की बेहतर कानून-व्यवस्था ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।

आंदोलनों की हो 'लक्ष्मण रेखा'

हाल ही में दलित संगठनों द्वारा आंदोलन के नाम की गई हिंसा की ओर इशारा करते हुए राज्यपाल नाईक ने कहा कि आंदोलन करना अधिकार हो सकता है लेकिन, आंदोलन के लिये भी लक्ष्मण रेखा होनी चाहिये। राजनैतिक दल और अन्य संगठन शांतिपूर्ण आंदोलन करें जिससे आम आदमी को तकलीफ न हो। भयमुक्त वातावरण के निर्माण के लिये पुलिस सहयोग करे। समारोह में डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक, स्वामी प्रसाद मौर्य, स्वाति सिंह, चीफ सेक्रेटरी राजीव कुमार, डीजीपी ओपी सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

एक साल के रिपोर्ट कार्ड पर तारीफ

राज्यपाल नाईक ने पुलिस द्वारा बीते एक साल में अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत किये गए कामों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 में कुल 7.09 लाख मुकदमों में अभियुक्तों को सजा दिलाई। वहीं, 7076 अपराधी पुलिस के भय से खुद जमानत निरस्त कराकर जेल चले गए। 1090 में बीते एक साल में प्राप्त हुई 2.05 लाख शिकायतों में 77 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण भी कर दिया गया।

पुलिस का वीरता पदक

विनोद कुमार सिंह, तत्कालीन आईजी वाराणसी जोन

अविनाश चंद, तत्कालीन एसपी मीरजापुर

अभय कुमार प्रसाद, तत्कालीन एसपी सोनभद्र

डीके चौधरी, तत्कालीन एएसपी सोनभद्र

दिलीप सिंह, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर मीरजापुर

स्व। पन्ना लाल, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर मीरजापुर

सराहनीय कार्य: 9 मार्च 2001 को मीरजापुर के मडि़हान इलाके में सशस्त्र नक्सलियों से मुठभेड़, 10 हजार के इनामी समेत 16 नक्सली ढेर

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विनोद कुमार सिंह, तत्कालीन एसएसपी बरेली

प्रबल प्रताप सिंह तत्कालीन एएसपी बरेली

अरुण कुमार सिंह तत्कालीन डिप्टी एसपी बरेली

किरन पाल सिंह, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर बरेली

सराहनीय कार्य: 8 नवंबर 2008 को बरेली के प्रेमनगर किडनैपिंग कर भाग रहे 10 हजार के इनामी हसीन उर्फ बंटी को मुठभेड़ में मार गिराया और अपहृत को सकुशल रिहा कराया।

नवीन अरोरा, तत्कालीन एसएसपी एसटीएफ

शैलेश प्रताप सिंह, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर एसटीएफ

सराहनीय कार्य: 26 अप्रैल 2010 को ग्रेटर नोएडा में 50 हजार रुपये के इनामी अपराधी आशुतोष राय को जवाबी फायरिंग में ढेर कर दिया।

जीके गोस्वामी, तत्कालीन एसएसपी मुरादाबाद

प्रवीन कुमार सिंह, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर मुरादाबाद

पीतम पाल सिंह, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर बरेली

सराहनीय कार्य: 25 जून 2005 को मुरादाबाद के चरण सिंह चौक, लाइन पार में चेकिंग के दौरान हुई मुठभेड़ में 20 हजार रुपये के इनामी जमील और शातिर अपराधी अली मोहम्मद को ढेर कर दिया।

एसके भगत, तत्कालीन एसएसपी एसटीएफ

विजय भूषण, तत्कालीन एएसपी एसटीएफ

सत्येंद्र सिंह, तत्कालीन कॉन्सटेबल एसटीएफ

सराहनीय कार्य: 20 मई 2006 को लखनऊ के मडि़यांव इलाके में चेकिंग के दौरान 50 हजार के इनामी सचिन पहाड़ी और शातिर अपराधी विजय कनौजिया को मुठभेड़ में मार गिराया।

राजेश कुमार पांडेय, तत्कालीन डिप्टी एसपी एसटीएफ

उमेश कुमार सिंह, तत्कालीन डिप्टी एसपी एसटीएफ

सराहनीय कार्य: 12 दिसंबर 1998 को सीबीआई द्वारा फरार घोषित एक लाख रुपये के इनामी मनजीत सिंह मंगे व सत्ते तिवारी को कोलकाता में मुठभेड़ में अरेस्ट किया जबकि, उनके साथी अपराधियों संजीव यादव, कुलवंत सिंह, भइयालाल व मुहब्बत अली को मार गिराया।

रामनयन सिंह, तत्कालीन डिप्टी एसपी लखनऊ

सराहनीय कार्य: 20 जनवरी 2010 को सआदतगंज एरिया में बच्चे को किडनैप करने वाले 13 मुकदमों में वांछित अपराधी नूरुल को ढेर कर अपहृत बच्चे को सकुशल रिहा कराया।

मनीष कुमार मिश्र, तत्कालीन डिप्टी एसपी एसटीएफ

सराहनीय कार्य: 20 जनवरी 2010 को लखनऊ के मलिहाबाद इलाके में चार किडनैपर्स को मुठभेड़ में ढेर कर 11 वर्षीय बच्चे गौरव को सकुशल रिहा कराया।

अवनीश गौतम, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर गाजियाबाद

अक्षय कुमार शर्मा, तत्कालीन हेडकॉन्सटेबल गाजियाबाद

सराहनीय कार्य: 22 नवंबर 2011 को गाजियाबाद के सदरपुर-दुहाई रजवाहा मार्ग पर किडनैपर्स से मुठभेड़ में घायल होने के बावजूद दो बदमाशों को अरेस्ट किया जबकि, दो अन्य फरार हो गए।

प्रेमवीर सिंह राणा, तत्कालीन इंस्पेक्टर सहारनपुर

संजय कुमार पांडेय, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सहारनपुर

मनीष बिष्ट, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर, सहारनपुर

जर्रार हुसैन, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर सहारनपुर

प्रवेश कुमार, तत्कालीन हेडकॉन्स। सहारनपुर

प्रभात कुमार, कॉन्सटेबल सहारनपुर

सराहनीय कार्य: 5 जून 2015 को सहारनपुर के अंबेहटा चांद गांव के करीब चेकिंग के दौरान मुठभेड़ में यूपी, दिल्ली व उत्तराखंड के इनामी अपराधी राहुल खट्टा व 12 हजार के इनामी धर्मेद्र को अरेस्ट किया। उनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार बरामद किये।

गिरजा शंकर त्रिपाठी, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर, वाराणसी

विजय प्रताप सिंह, तत्कालीन सब इंस्पेक्टर, वाराणसी

सराहनीय कार्य: 11 फरवरी 2009 को वाराणसी के जीटी रोड बाइपास पर मुठभेड़ में 50 हजार रुपये के इनामी सत्येंद्र तिवारी को ढेर कर दिया।

विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति पुलिस पदक

गिरीश प्रसाद शर्मा, एडीजी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड

विश्वजीत महापात्र, एडीजी भ्रष्टाचार निवारण संगठन,

आनंद कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर

डॉ। संजय एम तरडे, एडीजी ट्रेनिंग

आलोक शर्मा, आईजी एसपीजी

बीपी जोगदंड, एडीजी उप्र पुलिस मुख्यालय, इलाहाबाद

ब्रज भूषण, एडीजी सतर्कता अधिष्ठान

प्रेमचंद्र मीना, एडीजी उप्र पुलिस आवास निगम

दुर्गाचरण मिश्र, आईजी (रिटायर्ड)

आरकेएस राठौर, आईजी (रिटायर्ड)

विजय यादव, डीआईजी (रिटायर्ड)

सर्वजीत शाही, डिप्टी एसपी रिटायर्ड

ओमप्रकाश सिंह, डिप्टी एसपी (रिटायर्ड)

संजय चौधरी, डिप्टी एसपी वाराणसी

सत्यप्रकाश सिंह यादव, डिप्टी एसपी (रिटायर्ड)

गोरखनाथ यादव, सहायक सेनानायक, 49वीं वाहिनी पीएसी

संगम लाल मिश्र, इंस्पेक्टर खाद्य प्रकोष्ठ, लखनऊ

श्रीराम, रेडियो सब इंस्पेक्टर (रिटायर्ड)

राजनारायण, हेडकॉन्सटेबल (रिटायर्ड)